Gorakhpur Executive Director Dr. Surekha Kishore removed
सतर्कता आयोग (सीवीसी) की रिपोर्ट के आधार पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक डॉ. सुरेखा किशोर को हटा दिया गया है। उनका कार्यकाल अभी करीब डेढ़ साल बचा था। एम्स पटना के निदेशक डॉ. जीके पाल को गोरखपुर का भी अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
एम्स के उपनिदेशक प्रशासन अरुण कुमार सिंह ने इसकी पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि कार्यवाहक निदेशक बुधवार को गोरखपुर आएंगे। उन्हें छह महीने के लिए यह जिम्मेदारी दी गई है। कार्यकारी निदेशक रहीं डॉ. सुरेखा किशोर के खिलाफ शिकायतों की जांच सीवीसी कर रही है। जांच प्रभावित होने की आशंका के चलते कमेटी ऑफ कैबिनेट ने कार्यकाल को समय से पहले खत्म करने की मंजूरी दे दी।
दोनों बेटों की नियुक्ति के मामले फंसीं :
सुरेखा किशोर अपने दोनों बेटों डॉ. शिखर किशोर वर्मा और डॉ. शिवल किशोर वर्मा की नियुक्ति के मामले में घिरी हैं। सूत्रों की मानें तो इसकी शिकायत केंद्रीय सतर्कता आयोग से हुई थी। जांच में कई अनियमितताएं मिलीं। इसके बाद इन्हें हटाने की कार्रवाई की गई। केंद्रीय सतर्कता आयोग से मई 2023 में शिकायत हुई थी।
इसमें आरोप लगाया गया था कि डॉ. सुरेखा किशोर ने कार्यालय और पद का स्पष्ट दुरुपयोग किया है। वह नियुक्ति प्राधिकारी थीं। उनके बेटों डॉ. शिखर किशोर वर्मा और डॉ. शिवल किशोर वर्मा को चयन समिति की सिफारिश के अनुमोदन के आधार पर नियुक्त किया जा रहा था।