श्री अग्र-भागवत कथा पांच दिवसीय जिलास्तरीय का भव्य आयोजन

● अग्रवाल वैश्य समाज के इतिहास में पहली बार अग्र – भागवत कथा पांच दिवसीय जिलास्तरीय का भव्य आयोजन जगाधरी की पुण्या धरा में 15 मार्च से 19 मार्च तक

■ कथा का संगीतमयी भव्य आयोजन आगामी 15 मार्च से 19 मार्च 2023 तक शिबुमल मक्खन लाल धर्मशाला जगाधरी में होगा
■ कथा मर्मज्ञ महामंडलेश्वर आचार्य नर्बदा शंकर गुरु जी पुष्कर वाले पांच दिनों तक सायं 3 बजे से सायं 6:30 बजे तक कथा वाचन करेंगे व भगवान अग्रसेन जी की महिमा का गुणगान करेंगे

आज श्री अग्रभागवत कथा आयोजन समिति जिला यमुनानगर-जगाधरी द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन जगाधरी स्थित एक निजी रेस्टोरेंट में किया गया l जिसमें जिलास्तर पर होने वाली महाराजा अग्रसेन की जीवनी पर आधारित श्री अग्र-भागवत कथा के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई l
अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मलेन के जिला प्रधान आशीष मित्तल व जिला महासचिव विनोद जिंदल ने बताया कि यमुनानगर में पहली बार जिलास्तरीय पांच दिवसीय श्री अग्र-भागवत कथा का आयोजन किया जायेगा l यह आयोजन श्री अग्रभावत कथा आयोजन समिति जिला यमुनानगर-जगाधरी के तत्वाधान में होगा जिसके संयोजक अमरप्रकाश व सह-संयोजक विपिन बंसल होंगें l कथा का संगीतमयी भव्य आयोजन आगामी 15 मार्च से 19 मार्च तक शिबुमल मक्खन लाल धर्मशाला जगाधरी में होगा l कथा मर्मज्ञ महामंडलेश्वर आचार्य नर्बदा शंकर गुरु जी पुष्कर वाले पांच दिनों तक सायं 3 बजे से सायं 6:30 बजे तक कथा वाचन करेंगे व भगवान अग्रसेन जी की महिमा का गुणगान करेंगे l जिसमें जिले की सभी वैश्य संस्थाओं के साथ-साथ अन्य सभी धार्मिक व सामाजिक संस्थाएँ भी शामिल होंगी l उन्होंने समाज के सभी वर्गों से आह्वान किया कि वे अधिक से अधिक संख्या में आकर कथा श्रवण कर पुण्य के भागी बनें ।
जिला प्रभारी प्रदीप अग्रवाल व प्रांतीय पदाधिकारी पंकज मित्तल ने बताया कि श्री अग्र-भागवत कथा महर्षि जैमिनी ने लिखी है । महर्षि ब्यास जी के पाँच शिष्यों में जैमिनी जी उनके प्रधान शिष्य थे। उन्होंने ‘जयभारत’ ग्रन्थ की रचना की थी। सदियों से विलुप्त महर्षि जैमिनी रचित जयभारत ग्रन्थ का एक अंश है ‘श्री अग्र-भागवत’ l कागज से भी पतले महीन, फूलों की पंखुरियों से हल्के 21 भोजपत्रों पर अदृश्य तत्कालीन लिपि में अमिट अक्षरों में अंकित यह अद्भुत, अलौकिक व दिव्य ग्रन्थ विश्व में अद्वितीय है। वैज्ञानिकों ने भी यह माना है कि इससे दिव्य ऊर्जाएँ निकलती हैं। आवरण सहित इसका भार 50 ग्राम से भी कम है। यह कथा भोज-पत्र पर लिखी हुई सैंकड़ों वर्षौं से एक सिद्ध महर्षि के आश्रम में सुरक्षित रखी हुई थी। सैंकड़ों वर्षों से विलुप्त इस अग्र-उपाख्यानम् का आधुनिक संस्कृत भाषा एवं हिन्दी में अनुवाद करवाने के पश्चात् यह जानकारी प्राप्त हुई कि इस अग्र-उपाख्यानम् के 27 अध्यायों में अग्र-कुल प्रवर्तक भगवान श्री अग्रसेन जी के जीवन चरित्र का वर्णन किया गया है। इसलिए इन 27 अध्यायों के इस संकलन को ‘अग्र-भागवत’ का नाम प्रदान किया गया है।
वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिवकांत मंगला व कोषाध्यक्ष रणधीर गर्ग ने कहा कि कथा आरम्भ होने से पहले 15 मार्च को सुबह 10 बजे नगर खेड़ा जगाधरी से कथा स्थल तक कलश-यात्रा निकाली जाएगी जिसमें 108 महिलाएं कलश धारण कर बैंड बाजे के साथ शामिल होंगी l कथा मर्मज्ञ महामंडलेश्वर आचार्य नर्बदा शंकर गुरु जी व जिले के अनेक गण मान्य लोग यात्रा के साथ चलेंगे 19 मार्च को कथा समाप्ति पर प्रसाद वितरण व विशाल भण्डारा होगा l कथा के प्रातःकालीन सत्र में प्रतिदिन नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर रहेगा जिसके संयोजक डॉ० अश्वनी अग्रवाल होंगे l पर्यावरण मित्र फाउंडेशन केअध्यक्ष चिराग सिंघल ने बताया कि कथा सत्र में एक दिन रक्तदान शिविर व तुलसी वितरण भी होगा ।
अग्रवाल सभा के जिलाध्यक्ष मनोज गुप्ता व वरिष्ठ सदस्य ललित गुप्ता ने कहा कि देश और समाज के हित में अग्रवाल समाज का हमेशा महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। अग्र समाज पूरे समाज की धूरी है। अग्र समाज अपने इस दायित्व को समझ कर समाज कल्याण में अपनी अग्रणी भूमिका सुनिश्चित रखे। इस अवसर पर प्रदीप अग्रवाल, पंकज मित्तल, रणधीर गर्ग, अमरप्रकाश, आशीष मित्तल, शिवकांत मंगला, विनोद जिंदल, डॉ अश्विनी अग्रवाल, विपिन बंसल उमेश गोयल चिराग सिंघल,विनय बंसल,मनोज गुप्ता ललित गुप्ता आदि उपस्थित रहे !

Tarun Sharma

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