बरहज। देवरिया बरहज अनंत महाप्रभु की जयंत महोत्सव के दूसरे दिन सायं कालीन सभा में वाराणसी से पधारे मानस मर्मज्ञ डॉक्टर योगेंद्र नाथ चौबे ने कहा हनुमान जी एक ऐसे देवता है कि उनकी पूजा करने से पांच देवताओं की पूजा हो जाती है शिव,पार्वती,राम, माता जानकी, एवं हनुमान, आगे हनुमत चरित्र पर बोलते हुए कहा कि हनुमान जी के लिए भगवान श्री राम ने अपने श्री मुख से कहा कि तोसे तात उऋण मैं नहीं । प्रभु श्री राम ने क्यों कहा इस पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हनुमान जी ने माता सीता के प्राणों की रक्षा अशोक वाटिका में की लंका की लड़ाई में लक्ष्मण के मूर्छित होने पर लक्ष्मण को जीवन दान दिया भरत को संदेश सुनाया जो भरत भगवान के चौदह वर्ष के वनवास के बाद आज वापस आने वाले थे। धीरे-धीरे शाम हो रही थी, भरत जी राम वियोग में प्राण त्यागने वाले थे ऐसे समय पर हनुमान जी पहुंचकर भरत को प्राण त्यागने से बचा लिया‌ इसलिए और देवता चित् न धरही हनुमत सेई सर्व सुख करई। इस प्रकार में हनुमान जी यह कैसे देवता है जो अपने भक्तों का दुख दूर करते हैं ।कार्यक्रम में वीरेंद्र त्रिपाठी, बलभद्र त्रिपाठी, डॉ किरन पाठक, कृष्ण मुरारी तिवारी, डॉक्टर महथ प्रसाद कुशवाहा, डॉक्टर शंभू नाथ तिवारी प्राचार्य,अशोक शुक्ल, अनिरुद्ध मिश्र ,मनीष श्रीवास्तव, रविंद्र मिश्र,शिवम पांडे,निखिल द्विवेदी, अनमोल मिश्र,अवधेश पाल,मुरारी मिश्र,अनुपम मिश्र,मानस मिश्र,संजय मिश्र,ओमप्रकाश दुबे,सहित सभी शिक्षण संस्थानों के शिक्षक एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता आश्रम के पीठाधीश्वर आञ्जनेय दास ने किया संचालन विनय कुमार मिश्र जी द्वारा किया गया।

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