IPS : करीब दर्जन भर जिलों में IPS अधिकारियों को इधर-उधर करने की कवायद भी चल रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि यूपी कैडर के करीब 3 दर्जन IPS अधिकारियों का प्रमोशन हो रहा है। इसके बाद नई पोस्टिंग न मिलना भी है। इसको लेकर गृह विभाग की तरफ से लिस्ट तैयार होने की जानकारी आ रही है।
ये ट्रांसफर मुख्यमंत्री की तरफ से हरी झंडी मिलते ही कभी भी किए जा सकते हैं। इसमें आगरा, मेरठ, लखनऊ और वाराणसी जोन में बड़ा फेरबदल होना है। इसके साथ ही लखनऊ और कानपुर कमिश्नरेट में काफी समय से तैनात अधिकारियों को जिलों और जोन में भेजा जा सकता है।
अलीगढ़ के DIG दीपक कुमार, आजमगढ़ के DIG अखिलेश कुमार, गोंडा के DIG उपेंद्र, बस्ती के DIG आरके भरद्वाज, गोरखपुर के DIG आर. गौड़ और DIG यातायात सुभाष कुमार के IG होने के चलते इनको भी जोन की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
लखनऊ के JCP पीयूष मोर्डिया के ADG और DCP एस चिनप्पा के DIG पद पर पदोन्नति होने के चलते किसी जोन में भेजे जाने की बात कही जा रही है।
एडीजी लॉ एंड आर्डर की रेस में मेरठ और आगरा जोन के एडीजी
योगी सरकार ADG लॉ एंड आर्डर प्रशांत कुमार को अहम पद देने की तैयारी कर रही है। चर्चा है कि उन्हें इंटेलिजेंस और विजिलेंस का प्रभार सौंपा जाएगा।
वहीं, ADG लॉ एंड आर्डर के लिए आगरा जोन के ADG और मेरठ के ADG का नाम आ रहा है। इस पोस्ट पर अधिकतर मेरठ जोन में तैनात ADG को ही तैनाती मिलती है।
अब तक 300 एनकाउंटर कर चुके हैं प्रशांत कुमार
प्रशांत कुमार 1990 के UP कैडर के IPS ऑफिसर हैं। वर्तमान में UP पुलिस में बतौर ADG लॉ एंड ऑर्डर पोस्टेड हैं। प्रशांत मूल रूप से बिहार से हैं। मिड दिसंबर, 2022 से यूपी के सभी पुलिस कमिश्नर IPS प्रशांत कुमार को रिपोर्ट करते हैं। यह आदेश DGP डीएस चौहान ने जारी किया था। वह CM योगी के काफी भरोसेमंद अधिकारी माने जाते हैं।
प्रशांत कुमार को वीरता के लिए 3 बार पुलिस पदक से नवाजा जा चुका है। साल 2020-2021 में इन्हें मेंगैलेंट्री अवॉर्ड मिला था। इन्हें राष्ट्रपति से वीरता का पुलिस पदक भी मिल चुका है। वेस्ट यूपी में बदमाशों को काबू करने के लिए सरकार ने प्रशांत कुमार को ADG बनाया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशांत कुमार अब तक 300 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके है।
3 लाख पुलिस फोर्स के पास 9 महीने से नहीं है परमानेंट DGP
यूपी के पास दुनिया का सबसे बड़े पुलिस फोर्स है, जिसमें 3 लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं। लेकिन, पिछले 9 महीने से ज्यादा समय से एक कार्यवाहक DGP के नेतृत्व में काम हो रहा है। कोई स्थायी DGP नहीं है।
दरअसल, यूपी सरकार और UPSC के बीच DGP की नियुक्ति को लेकर काफी खींचतान चल रही है। जब 1987 बैच के IPS मुकुल गोयल को पिछले साल मई में पद से हटा दिया गया था। कार्यवाहक DGP डीएस चौहान 31 मार्च को सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार, सरकार को उसके बाद एक स्थायी DGP नियुक्त करना होगा।
अगर, सरकार ऐसा करने में विफल रहती है, तो नई नियुक्ति होने तक एक और कार्यवाहक DGP नियुक्त किया जा सकता है। या फिर किसी वरिष्ठ अधिकारी को प्रभार सौंपा जा सकता है।
राज्य सरकार द्वारा यूपीएससी को पद के लिए पात्र IPS अधिकारियों के नाम भेजे जाने के बाद स्थायी DGP मिल सकता है। जिसका चुनाव तीन लोगों का पैनल करेगा।
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