बरहज, देवरिया। स्वाधीनता आंदोलन में अगली पंक्ति के नेता रहे सरदार बल्लभ भाई पटेल दृण इच्क्षा शक्ति के धनी और कठोर निर्णय लेने के लिए प्रसिद्ध रहे हैं ।राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने बारडोली सत्याग्रह में पटेल के महान संगठनात्मक कौशल को देखते हुए उन्हें सरदार की उपाधि दिया था ।उन्हें भारत का लौह पुरुष भी कहा जाता है ।देश में राष्ट्रीय एकीकरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता समझौता विहीन रही इसलिए उन्हें लौह पुरुष कहा गया ।१५ दिसंबर १९५० को देश का यह मूल्यवान हीरा सदा के लिए चला गया ।उन्होने अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व से ऐसी अमिट छाप छोड़ी की आज की पीढ़ियां भी उनके नाम का स्मरण श्रद्धाऔर कृतज्ञता के साथ करती हैं । स्थानीय बाबा राघवदास भगवानदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय आश्रम में सरदार बल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि के अवसर पर उक्त उद्गार वक्ताओं ने व्यक्त किया ।सर्वप्रथम उनके चित्र पर प्राचार्य प्रोफ़ेसर शम्भुनाथ तिवारी ने पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दिया। इस दौरान मुख्य रूप से प्रोफेसर अजय कुमार मिश्र ,डॉक्टर अमरेश त्रिपाठी ,डॉक्टर बिनय तिवारी, डॉक्टर विवेकानंद पांडे ,डॉक्टर सुनील श्रीवास्तव, मनीष श्रीवास्तव, प्रदीप शुक्ला, विनय मिश्रा, राजीव पांडे आदि ने अपने विचार व्यक्त किया।
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