दमोह : म.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर द्वारा दिये गये निर्देशों के तहत प्रिंसिपल जिला न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रेणुका कंचन के निर्देश एवं जिला न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दमोह अम्बुज पाण्डेय के मार्गदर्शन में वरिष्ठ नागरिक के अधिकारों के संबंध में स्थानीय वृद्धा आश्रम दमोह में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में प्रथम जिला न्यायाधीश दमोह डॉ. आरती शुक्ला पाण्डेय एवं प्रबंधक वीरेन्द्र असाटी, वृद्धाश्रम के कर्मचारीगण एवं वृद्धजन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में प्रथम जिला न्यायाधीश दमोह डॉ. आरती शुक्ला पाण्डेय ने समस्त वृद्धजन को माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों के भरण-पोषण और कल्याण अधिनियम 2007 के संबंध में बताया। उन्होंने कहा यदि वृद्धावस्था में एक वरिष्ठ नागरिक अपनी सम्पत्ति अपने किसी बच्चे को इस शर्त के साथ उपहार या हस्तांतरित कर सकता है कि बच्चा उन्हें बुनियादी सुविधायें या शारीरिक जरूरते प्रदान करेगा। यदि उनका बच्चा ऐसा करने में विफल रहता है तो वरिष्ठ नागरिक अधिनियम के तहत स्थापित एक रखरखाव ट्रिब्यूनल से संपर्क करने का अधिकार है ताकि उपहार या हस्तानांतरण को धोखाधड़ी, जबरजस्ती या अनुचित प्रभाव में किये जाने के कारण अमान्य घोषित किया जा सके। साथ ही ऐसी परिस्थितियों से निपटने के दौरान अदालतों का रूख बुजुर्गो के प्रति सकारात्म्क रहता है। उपस्थित सभी वृद्धजन से उनकी समस्याओं के बारे में जानकारी ली तथा मिलजुल कर रहने की सलाह दी गयी। कार्यक्रम के अंत में वृद्धजन की समस्याओं सुनी गई व उन्हें उचित विधिक सलाह प्रदान की गई साथ ही वृद्धजन को फलों का जूस वितरित किया गया।
दो दिवसीय स्वास्थ्य शिविर के अवसर पर राज्यमंत्री पटेल पहुंचे शिविर स्थल पर