ऋषि परंपरा के पोषक थे बाबा जी – प्रो.अर्जुन मिश्र
राष्ट्रसेवा एवं जनसेवा था बाबा जी का मिशन – प्रो. ब्रजेश कुमार पांडेय
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आध्यात्मिक और सांस्कृतिक सेवा कार्यों के पुंज थे बाबा जी – आंजनेयदास
बीआरडी बीडी पीजी कालेज आश्रम बरहज में आयोजित हुआ बाबा राघवदास जी की 126 वीं जयंती समारोह
बरहज :स्थानीय बाबा राघवदास भगवानदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय आश्रम में सोमवार को परमहंस बाबा राघवदास जयंती समारोह मनाया गया। समारोह की मुख्य अतिथि उदित नारायण स्नातकोत्तर महाविद्यालय, पड़रौना की प्राचार्या प्रो.ममता मणि त्रिपाठी ने कहा कि बाबा जी ने धर्म को राजनीति के संबद्ध किया। उनका विचार था कि धर्म युक्त राजनीति से निर्मित शासन ही कल्याणकारी होगा। उन्होंने शिक्षा के अंधकार की समाप्ति के लिए डेढ़ सौ शिक्षण संस्थाएं खोली। कहा कि वर्तमान नई शिक्षा नीति में शिक्षा सुधार की व्यापक दृष्टि रखी गई है। स्त्री शिक्षा पर भी उन्होंने काफी जोर दिया। वह करुणा व दया के प्रतिमूर्ति थे।
अध्यक्षता कर रहे संत विनोबा पीजी कालेज, देवरिया के प्राचार्य प्रो.अर्जुन मिश्र ने कहा कि वर्तमान में बाबा जी का व्यक्तित्व, विचार एवं कार्य की काफी प्रासंगिक है। वह राष्ट्र व राज्य निर्माण करने वालों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। वह राघवेन्द्र से राघवदास अपने धर्म, ज्ञान और कर्म के कारण बनें। वह ऋषि परंपरा के पोषक तथा राष्ट्रवाद के कट्टर समर्थक थे। कहा कि समाज को बदलने के लिए सेवा की जरूरत है। परमहंसाश्रम बरहज के पीठाधीश्वर आंजनेयदास महाराज ने कहा कि बाबा जी आध्यात्मिक, सांस्कृतिक एवं सेवा कार्यों के पुंज थे। उनके व्यक्तित्व व कृतित्व का अनुकरण कर समाज व राष्ट्र का व्यापक विकास किया जा सकता है। विशिष्ट अतिथि रामजी सहाय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रुद्रपुर के प्राचार्य प्रो.ब्रजेश कुमार पांडेय ने कहा कि भारतीय समाज सेवियों एवं चिंतको में बाबा राघवदास का महत्वपूर्ण स्थान है। करुणा, दया, सहानुभूति, सेवा उनकी रग-रग में समाहित था। जैसे रामकृष्ण परमहंस ने विवेकानंद को पहचान लिया वैसे ही अनंत महाप्रभु ने राघवेन्द्र को पहचान लिया था। राष्ट्र सेवा एवं जनसेवा उनका संकल्प रहा।
महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.शंभुनाथ तिवारी ने सभी अतिथियों एवं आगंतुकों का स्वागत करते हुए उनके प्रति आभार ज्ञापित किया। समारोह संयोजक दर्शन शास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.सूरज प्रकाश गुप्ता ने कार्यक्रम की संक्षिप्त आख्या प्रस्तुत की। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती तथा बाबा राघवदास जी के चित्र के समक्ष पुष्पार्पण एवंं दीप प्रज्जवलित करके हुआ। प्राचार्य प्रो.शंभुनाथ तिवारी, डॉ.सूरज प्रकाश गुप्ता, डॉ.राकेश कुमार सिंह, डॉ.गायत्री मिश्रा, डॉ, धनंजय तिवारी, डॉ.विनीत पांडेय, डॉ.अरविन्द पांडेय, डॉ.विनय तिवारी, डॉ.अब्दुल हसीब, डॉ.प्रभु कुमार, डॉ.अजय बहादुर ने अतिथियों का माल्यार्पण तथा स्मृति चिह्न देकर सम्मान किया। कार्यक्रम को प्रेमशंकर पाठक, सावित्री राय, मंगल मणि त्रिपाठी, डॉ.अजय मिश्र, डॉ.ओम प्रकाश शुक्ला ने संबोधित किया। मोही दीक्षित एवं निधि दीक्षित ने मंगलाचरण तथा नैंसी मिश्र व दिव्या तिवारी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया। सोनाली सिंह एवं मधू मिश्रा ने स्वागत गीत किया। संचालन समाज शास्त्र विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ.अमरेश त्रिपाठी ने किया। इस दौरान झब्बू प्रसाद मिश्र, पारसनाथ यादव, उमेश, डॉ.वेद प्रकाश सिंह, डॉ.विजय प्रकाश पांडेय, रमाकांत पांडेय, कृष्ण मोहन पाठक, जनार्दन बरनवाल, डॉ.आरती पांडेय, डॉ.आभा मिश्र, डॉ.संजय सिंह, डॉ.अवधेश यादव, डॉ.अविकल शर्मा, डॉ.सुनील कुमार श्रीवास्तव, डॉ.विवेकानंद पांडेय, डॉ.प्रज्ञा तिवारी, डॉ.रणधीर श्रीवास्तव, डॉ.संजीव कुमार, रविंद्र मिश्र, मनीष श्रीवास्तव, विनय मिश्र, राधेश्याम तिवारी सिराज अहमद आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम में आश्रम से जुड़े सभी शिक्षकों संस्थानों से शिक्षक व कर्मचारी उपस्थित रहे
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इनको मिला पदक
बरहज :बाबा राघव दास जयंती समारोह में महाविद्यालय के विभिन्न छात्र-छात्राओं को पद को से सम्मानित किया गया।जिसमें कृति तिवारी को अनंत पदक, अनामिका मिश्रा को बाबा राघवदास पदक, दयाशंकर मिश्र को सत्यव्रत पदक, अक्षिता त्रिपाठी को राजाराम पदक, दिव्या शुक्ला को चंद्र बोस चंद्रदेव शरण पदक, कुमारी स्वीकृति पांडेय को जगदीश दीन पदक, कुमारी रोशनी खातून को लक्ष्मी नारायण सिंह पदक, कुमारी इमराना नाज को विश्वनाथ पांडेय पदक, ज्योति मिश्रा को रामनागेंद्र सिंह पदक, दिव्या शुक्ला को चंद्रदेवशरण पदक, विकास कुमार को बिस्मिल पदक, वंदना यादव को अन्नपूर्णा पदक, काजल कुमारी राम लखन पांडेय पदक, नेहा गोंड़ को बैजनाथ प्रसाद अग्रवाल पदक, रोशनी खातून को लक्ष्मी नारायण सिंह पदक, शिवम तिवारी को राम लखन सिंह सिंह पदक, कृतिका सिंह को रामायण मिश्र पदक, संतोष कुमार उपाध्याय को सुखपति देवी पदक, वंदना चौहान को साधु शरण मिश्र पदक, करिश्मा यादव को इशिता मिश्र पदक, विपिन कुशवाहा को गणपत लाल गुप्त पदक, नीतीश कुमार को वृद्धिचंद्र राव पदक, आरती पांडेय को नर्वदेश्वर मिश्र पदक, खुशी भारती को काशीनाथ मिश्र पदक, नितेश कुमार यादव को हरिशंकर लाल पदक, साध्वी सिंह को रामदास शुक्ल पदक, प्रीति मिश्रा को सुरेश कुमार त्रिपाठी पदक, रीना पाल को कावेरी देवी पदक, कुमारी काजल को रामेश्वर प्रसाद अग्रवाल पदक, कुमारी अर्चना को रामपरी रूपनारायण पदक, नेहा जायसवाल को राजनारायण पाठक पदक, सत्यम पांडेय को पुरुषोत्तम प्रसाद गुप्त पदक देकर सम्मानित किया गया।