Garot News | संवाददाता राकेश शर्मा नीमच मध्यप्रदेश
गरोठ। मध्य प्रदेश शिक्षक कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष बाबूलाल भीरमा, प्रांतीय महामंत्री सलमाशाह, प्रांतीय संगठन मंत्री राजेश पंड्या, जिला अध्यक्ष हरीश नामदेव ने आरोप लगाया कि जिस प्रकार से प्राथमिक शिक्षक पात्रता परीक्षा में धांधली सामने आ रही है उससे व्यापम का सिर्फ नाम बदला है काम नहीं। व्यापम घोटाला विश्व के प्रसिद्ध चर्चित घोटालों में से एक है, और उसकी आहट अभी भी सुनाई दे रही है। व्यापम का सरकार बार- बार नाम बदल रही है और अभी उसे पीईबी प्रोफेशनल एग्जाम बोर्ड नाम तो दे दिया गया पर जिस प्रकार से उन्होंने पुलिस कांस्टेबल परीक्षा और प्राथमिक शिक्षक चयन पात्रता परीक्षा में धांधलियां के आरोप लगे और यह परीक्षाएं निरस्त करना पड़ी ,जिससे में लगभग 9लाख बेरोजगार सम्मिलित हुए थे इसमें से कई दूसरे राज्यों के भी उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी।अगर अनुमान लगाया जाए तो प्रत्येक अभ्यर्थी ने लगभग तीन से चार हजार ख़र्च परीक्षा देने का किया है, क्योंकि परीक्षाओं को अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र तक आना जाना आवागमन और खाना पीना रहने की जो व्यवस्था करना पड़ी वह राशि बेरोजगारों के लिए बहुत महंगी पड़ी है और अब पात्रता परीक्षा का समाचार सुनकर उनके ऊपर क्या बीत रही है इसका अंदाज सरकार को नहीं लगा पा रही है। व्यापम पर व्यापम होते जा रहे हैं और सिर्फ सरकार नाम बदलकर ही अपने कर्तव्य से इतिश्री कर रही है जो सरकार की असफलता का द्योतक है। प्रदेश सरकार को चाहिए कि पारदर्शी रूप से परीक्षा ले और बेरोजगारों के साथ न्याय करें लगभग 900000 परीक्षार्थियों ने जो ऑनलाइन परीक्षा दी है उसमें करोड़ों नही अरबों रुपए उनके खर्च हो चुके हैं और उसके बाद उन्हें मानसिक वेदना के अलावा कुछ भी नहीं मिलेगा। सरकार बेरोजगारों की मजबूरियों को समझे और निष्पक्ष पारदर्शी पात्रता परीक्षा करवाएं बार-बार परीक्षा निरस्त कर बेरोजगारों के साथ क्रूर मजाक नहीं करें।
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