बंशीलाल धाकड़ राजपुरा
प्रतापगढ़। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से लघु कृषक से कृषि व्यापार संघ द्वारा पीपलखूंट, सुहागपुरा, प्रतापगढ़, धमोतर, दलोट पंचायत समितियों की चुनिन्दा 8-10 ग्राम पंचायतों में कलस्टर आधारित किसान उत्पादन संगठन का गठन एवं कम्पनी एक्ट में पंजीकृत किया जायेगा। जिसमें एक हजार किसान सदस्य आधारित प्रक्रिया से शेयर धारक बनकर 15 लाख रुपए का अनुदान भी प्राप्त कर सकेगें।
यह जानकारी मुख्य कार्यकारी अधिकारी गोपाललाल स्वर्णकार की अध्यक्षता में दिनांक 23 दिसम्बर गुरुवार को आयोजित जिला स्तरीय निगरानी समिति बैठक में राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के जिला विकास प्रबन्धक सचिन बाडेटिया ने दी। बाडेटिया ने बताया कि प्रथम चरण में इसके लिए जिला स्तर पर मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद की अध्यक्षता में जिला सत्रीय निगरानी समिति का गठन किया गया जिसमें 12 विभागों के अधिकारियों को सम्मिलित कर इस स्कीम की बेहतर क्रियान्वति और पंचायत समिति वाईज मुख्य उत्पाद का भी चयन किया गया। पंचायत समिति पीपलखूंट में मक्का, सोयाबीन, सुहागपुरा में सोयाबीन, गेहूं , प्रतापगढ़ में लहसुन, मसूर, दलोट में मैथी, अलसी, धमोतर में अजवाइन, चना को उचित मूल्य में बिकवाने और मार्केट लिकेज के लिए यह कम्पनियां कार्य करेगी।
इन कम्पनियों में गठन एवं संचालन केलिए 5 वर्ष के लिए कट्स मानव विकास केन्द्र का चयन किया गया। बैठक में अतिरिक्त जिला कलेक्टर गोपाललाल स्वर्णकार ने किसान उत्पाक संगठन से किसानों को जोड़कर उन्हें कृषि विभाग एवं अन्य योजनाओं से किसान की आमदनी बढ़ाने के लिए डीएमसी के सभी जिला स्तरीय सदस्य अधिकारियों को निर्देश प्रदान किये। बैठक में अग्रणी जिला प्रबन्धक सुनील मोर्य, कृषि विज्ञान केन्द्र के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. योगेश कन्नोजिया, कृषि उपज मण्डी के सचिव मदन लाल गुर्जर, कृषि विभाग के उपनिदेशक बी एल पाटीदार, आत्मा परियोजना के उपनिदेशक कृष्ण कुमार, सहायक निदेशक ब्रजवासी मीणा, कट्स के समन्वयक गौहर महमूद, एक्सेस डवलपमेन्ट के राज्य प्रबन्धक भगवान सिंह राणा ने भी विचार व्यक्त किये। के कट्स सहायक समन्वयक मदन गिरी ने बताया कि इस स्कीम के तहत पंचायत समितियों में किसान उत्पादक संगठनों का गठन और पंजीकरण कार्य पुरा कर किसानों को सदस्य के रूप में जोड़ना प्रारंभ कर दिया जायेगा।
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