संवाददाता राकेश शर्मा नीमच- मनासा
मनासा। देश एक तरफ डिजिटल इंडिया बन रहा है वही ग्रामीण क्षेत्र में कई विकास कार्यो की पोल खोलती तस्वीर सामने आ रही है। जिन्हा ऐसी ही एक तस्वीर हम दिखाते है ग्राम पंचायत बनी की जंहा बड़े बड़े दावे करने वाले सरपँच के 5 साल के विकास कार्यो की पोल खोलकर रख दी है। मनासा तहसील क्षेत्र के गांव बनी में छोटे- छोटे बच्चों के साथ गरीब दंपति गाँव से बाहर झोपड़ी में रहने को मजबूर है झोपड़ी भी ऐसी की बारिश होने पर उसमें से पानी टपकने लगता है। जब बारिश होती है तो पूरा परिवार इससे बचने के लिए कोने में सिमट जाता है। बनी के निवासी बाबूलाल रावत की स्थिति बड़ी दयनीय है झोपड़ी में पत्नी बाबुड़ी बाई के अलावा 17 वर्षीय लड़की अनुराधा, 14 वर्षीय बालक सत्यनाराय व बड़ा लड़का गेंदमल रहता है। बाबूलाल मजुदरी करता है। उसकी इतनी आमदनी भी नहीं है कि परिवार के लिए पक्का मकान बनवा ले। ऐसे में घर की जीविका चलाना टेढ़ी खीर बन गया। सरकारी योजना के तहत एक आवास मिल जाए, इसकी कोशिशें बहुत की गई, लेकिन कहीं कोई सुनवाई नहीं हुई साथ ही नही शौचालय मिल पाया है। पंचायत द्वारा पिछले कई सालों से सिर्फ आश्वाशन के सिवा कुछ नही मिला है। ऐसे में विकास कार्यो की बात करे तो ग्राम पंचायत बनी के पूर्व सरपंच दिनेश पाटीदार ने बड़े बड़े विकास कार्यो के दावे किए लेकिन वास्तविक धरातल पर ऐसा कुछ देखने को नही मिला।
अनुराधा जो कि बचपन से अंधी है कुछ दिखाई नही देता वही आज यह पूरा परिवार गाँव से बाहर एक झोपड़ी बनांकर रह रहा है। लेकिन बड़े बड़े वादे करने वाले नेता अधिकांरी ओर पंचायत द्वारा अभी तक कोई भी सुविधा नही मिल पाई है। ऐसे में देखना है के आने वाले पंचायत चुनाव को लेकर इस गरीब परिवार को क्या शासन की योजनाओं का लाभ मिल पायेगा।
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