अंजली माली | महाराष्ट्र मुंबई : 8 जुलाई 2021
बीजेपी ने नारायण राणे और कपिल पाटिल को केंद्रीय मंत्रिमंडल में स्थान देकर मुंबई व कोंकण पर विशेष ध्यान देने की कोशिश की है। इन जगहों पर शिवसेना के वर्चस्व को खत्म कर देने की रणनीति आने वाले समय में दिखेगी।
राणे का राजनीतिक सफर मुंबई से शुरू हुआ और कोंकण की राजनीति में उनका प्रभाव है। शिवसेना के कट्टर विरोधी की छवि रही है। ठाकरे परिवार और शिवसेना पर हमला करने वाले नेताओं में उन्हें गिना जाता है। ऐसा कहा गया था कि शिवसेना का विरोधी होने की वजह से उनका प्रवेश बीजेपी में हुआ और उसके बाद राज्यसभा का सांसद बनाये जाने में देरी हुई। राणे के रूप में प्रखर शिवसेना विरोधी को मौका दिए जाने से आने वाले समय में दोनों दलों के बीच संबंध और तनाव भरे हो सकते है।
मुंबई ठाणे और आसपास के परिसर के मनपा चुनाव इसी वर्ष और अगले वर्ष की शुरुआत में होगा। मुंबई और कोंकण में राणे जबकि ठाणे ,भिवंडी, पालघर में कपिल पाटिल के प्रभाव का इस्तेमाल शिवसेना की हवा रोकने के लिए की जाने की भाजपा की रणनीति नज़र आ रही है। मुंबई व आसपास के परिवार में बड़ी संख्या में आगरी समाज का वोट बैंक पर भाजपा ध्यान केंद्रित करती नज़र आ रही है। प्रीतम मुंडे को मंत्री न बनाकर भागवत कराड के रूप में वंजारी चेहरा चुना गया। इसे मुंडे परिवार के लिए झटका माना जा रहा है। प्रकाश जावड़ेकर और संजय धोत्रे को किनारे किया गया। ये दोनों मूल रूप से भाजपाई है। धोत्रे को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का समर्थक माना जाता है। नारायण राणे , कपिल पाटिल व भारती पवार मूल भाजपाई नहीं है।
पहले बाहर से आये नेताओ को मौका नहीं दिया गया था लेकिन अब यह दरवाजा खोल दिया गया है। ऐसा कहा जा रहा था कि दोनों पार्टियां फिर से साथ आएगी। लेकिन मंगलवार को समाप्त हुए विधानमंडल अधिवेशन और बुधवार को राणे को मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने से दोनों पार्टी के बीच कटुता बढ़ने की संभावना है।
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