संवाददाता राकेश शर्मा के साथ शिवरमन सिंह पंवार
मंदसौर। म.प्र.मे भाजपा की सत्ता की वापसी के केन्द्र बिन्दु रहे सिंधिया का भाजपा मे जाने के बाद दिनांक 4 जुलाई रविवार को यह पहला दौरा कार्यक्रम है। इसके पुर्व सिंधिया समर्थक प्रदेश के मंत्री तुलसी सिलावट का नीमच दौरै के कई मायने राजनीति को जानने वाले लगा रहे हैं। जहां भाजपा के शीर्ष नेतृत्व इस दौरे मे आने वाले निकाय चुनाव के लिए वरदान मान रहा है तो वहां दुसरी और जिला नेतृत्व मान रहा है कि सिंधिया का जिले मे वरचस्व बढ़ा तो जन्मजाती भाजपा के कार्यकर्ता अपना खोते दिखेंगे और भाजपा मे बिखराव होकर गुटीय राजनीति का खेल होगा जिससे भाजपा के अस्तित्व को खतरा होगा जो भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं है। सिंधिया समर्थक बड़ी संख्या मे नीमच व मंदसौर मे हैं। इससे यह कयास भी लगाए जा रहे है कि आने वाले समय मे सिधिंया मंदसौर से चुनाव भी लड़े हो सकता है भाजपा के इस बिखराव का फायदा जिले मे मृत सी पड़ी कांग्रेस को हो क्योंकि भले ही मंदसौर से सिधिंया का रियासत कालीन रिश्ता हो लेकिन उनके व उनके पिता स्व. सिंधिया के नजदीक रहे महेंद्र सिंह कालुखेड़ा तक यहां से चुनाव नहीं जीत पाये हैं। एसी स्थिति मे सिधिंया के दौरे से कांग्रेस को तो नही पर भाजपा को जरुर नुकसान हो सकता है।फिर सिधिंया के इस दौरे से जिले मे किस पार्टी को कितना फायदा व नुकसान होगा वह समय ही तय करेगा।
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