▪️श्रवण शर्मा / मिरा-भाईंदर।
पिछले वर्षों के आंकडों की तुलना में मिरा-भाईंदर मनपा द्वारा संचालित स्कूलों में छात्रों की संख्या में भारी गिरावट आई है। कोरोना महामारी के दौरान लगभग डेढ़ साल स्कूलों का बंद रहना इसका कारण हो सकता है, लेकिन लोग इसे शिक्षण विभाग में व्याप्त अव्यवस्था को इसका जिम्मेदार मान रहे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार वर्ष २०२०-२१ के शैक्षणिक काल में मनपा स्कूलों में छात्र-छात्राओं को संख्या ७,१६७ थी, जो अब घटकर ६,४१७ रह गई है।
ज्ञात हो कि, साल २००२ में मिरा-भाईंदर महानगरपालिका के गठन के पश्चात कुल २८ विद्यालय और २०२ शिक्षकों का हस्तांतरण जिला परिषद ने मनपा प्रशासन को किया था। अब शहर में मनपा स्कूलों की संख्या बढकर ३५ हो गई है। जिसमें २१ मराठी माध्यम, ४ हिंदी माध्यम तथा उर्दू व गुजराती माध्यम की ५-५ स्कूलें है।
लोगों का आरोप है कि, इस बाबत बडी मात्रा में फंड देने के बावजूद प्रशासन की ओर से अव्यवस्था का माहौल है, जिसके कारण अभिभावक अपने बच्चों को मनपा शालाओं में दाखिला दिलाने से कतराते हैं तथा मजबूरण अपने बच्चों को प्राईवेट स्कूलों में पढाने पर बाध्य हैं।
Discussion about this post