बरहज, देवरिया। बरहज तहसील क्षेत्र में प्राइवेट व्यक्तियों को रखकर काम कराया जा रहा है ।इसकी जानकारी तब हुई जब बरहज नगर निवासी रामायण ने डीएम के समक्ष अपनी फरियाद प्रस्तुत की। रामायण ने कहा कि तहसील का चक्कर लगाते लगाते थक गया हू प्राइवेट अर्दली राजेश कुमार₹10,000 की रिश्वत मांग रहे हैं ।जब इसका स्पष्टीकरण मांगा गया तो उप जिला अधिकारी तहसीलदार जैसे अधिकारी कोई जवाब नहीं दे सके। जिस पर डीएम ने अर्दली की टोपी उतरवाते हुए जेल भेजने का निर्देश दिया। प्राइवेट लोगों को रखकर अगर इसी तरह से काम लिया गया और प्राइवेट व्यक्ति वसूली करते रहे। तो निश्चित रूप से तहसील की बदनामी के सिवाय तहसील को कुछ नहीं मिलेगा। प्राइवेट व्यक्ति इतना साहस कर सके और फरियादी से रुपए की मांग कर खारिज दाखिल कराने की बात कहे यह कहां तक उचित है।
Smartphone से छात्र-छात्राओं को पढ़ाई में मिलेगी मदद- दीपक मिश्र
जब की बनामे से 35 दिन के अंदर ख़ारिज दाखिल की प्रक्रिया पूरी होती है। और आसानी से खारिज दाखिल हो जाता है ।तहसील के अधिकारियों को क्या यह बातें संज्ञान में नहीं है ।अगर नहीं है तो ऐसे व्यक्ति को तत्काल हटाकर उनके खिलाफ का कार्यवाही करनी चाहिए जैसे जिलाधिकारी ने किया। जिला अधिकारी के कार्रवाई के बाद प्राइवेट विभिन्न कोर्ट में काम करने वाले फरार बताया जा रहे हैं। तहसील में सन्नाटा पसरा हुआ है। सूत्रों की माने तो उप जिला अधिकारी कोर्ट में प्राइवेट रामायण, सुभाष, ब्रजराज, सहित कई प्राइवेट कर्मचारी काम करते हैं वही तहसीलदार कोर्ट में रमाकांत गुप्ता, और अन्य काम करते हैं नायब तहसीलदार कोर्ट में नथुनी, अमरजीत, नदीम, जैसे लोग काम करते हैं। ऐसे ही लोग तहसील की मर्यादा को तार-तार करते हैं।