संवाददाता राकेश शर्मा के साथ रामसिंह मीणा
बड़ीसादड़ी। शिक्षा, संस्कार व संस्कृति के आधार है हमारे शिक्षा के मन्दिर। यह विचार उपखंड के बड़वल ग्राम पंचायत के जियाखेड़ी राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में सरस्वती माता के मंदिर एवं प्राण प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य अतिथि गोपाल पुरुषोत्तम आश्रम के पीठाधीश स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज ने व्यक्त किये। मुख्य अतिथि स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज ने कहा कि विद्या के मन्दिरों में मानव का निर्माण होता है। देश के विकास एवं प्रगति का श्रेय अगर सबसे ज्यादा किसी को जाता है तो वह शिक्षा के मन्दिरों व शिक्षकों को जाता है। सदियों से ही शिक्षा के मन्दिरों का महत्व रहा है। शिक्षा एवं संस्कार के बिना जीवन अधूरा है। स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि आज समाज में शिक्षा के साथ संस्कारों की कमी होती जा रही है। नई पीढ़ी भटकती सी नजर आ रही है। संस्कारों के अभाव में नई पीढ़ी द्वारा माता- पिता एवं बुजुर्गों का अपमान किया जा रहा है। इस संसार में माता- पिता से बढ़कर कोई गुरु नहीं है। जिसके माता- पिता जिंदा है। वह इस संसार में सबसे भाग्यशाली है। संस्कारों की कमी के कारण आज समाज को कई विकृतियों का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षा के मंदिरों में शिक्षा के साथ- साथ संस्कार एवं संस्कृति का बोध भी होता है। हमें विद्या के मंदिरों में शिक्षा के साथ संस्कार एवं संस्कृति को जीवित रखने का पूरा प्रयास करना चाहिए। बिना संस्कारों की शिक्षा अधूरी है। महाराज ने कहा कि स्कूलों में शिक्षा भौतिक विकास को आगे बढ़ाने की दी जाती है एवं मंदिरों में शिक्षा अध्यात्म को आगे बढ़ाने की दी जाती है। दोनों ही शिक्षा व्यक्ति के जीवन निर्माण में बहुत महत्वपूर्ण है। भौतिक विकास के साथ आध्यात्मिक विकास का होना भी बहुत जरूरी है। केवल भौतिक विकास हमें पतन की ओर ले जाएगा। अगर भौतिक विकास के साथ आध्यात्मिक विकास भी जुड़ गया तो हमारे मानवीय मूल्यों की रक्षा की जा सकेगी। मुख्य अतिथि स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज ने कहा कि विधि विधान से मंत्रोचार के साथ प्रतिमा की स्थापना करने पर उन्हें देवत्व का प्रवेश हो जाता है। जो विधिवत पूजा से फलदाई भी होता है। मुख्य अतिथि स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज ने जोर देकर कहा कि शिक्षा जीवन जीने की कला सिखाने वाली होनी चाहिए। शिक्षा धरातल स्तर पर व्यवहारिक होनी चाहिए। समय के साथ हमें शिक्षा में परिवर्तन भी करते रहना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी सुखदेव मीणा ने उपस्थित विद्यार्थियों एवं जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालयों में भामाशाह द्वारा सरस्वती मां की प्राण प्रतिष्ठा किया जाना बेहद सुखद है। शिक्षक भगवत सिंह शक्तावत ने कहा कि क्षेत्र में भामाशाहों ने मिलकर कई विद्यालयों में सरस्वती मंदिर एवं मूर्ति स्थापना में जो सहयोग दिया है। वह अभूतपूर्व है। राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश सचिव रमेश चंद्र पुष्करणा ने कहा कि विद्यालयों में मां सरस्वती की प्रतिमाओं की स्थापना एवं प्राण प्रतिष्ठा से देश में सांस्कृतिक मूल्यों को आगे बढ़ाने में मदद मिलती है। समारोह में वायुसेना के पूर्व ग्रुप कैप्टन व राजस्थान क्रीड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष गजेंद्र सिंह शक्तावत बांसी ने कहा कि जीवन में आत्मविश्वास एवं हौंसले से बड़े से बड़ा कार्य किया जा सकता है। ग्रुप कैप्टन शक्तावत ने बालिकाओं को जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। हाल ही में इसी विद्यालय में सभी विद्यार्थियों के लिए ग्राम वासियों द्वारा अच्छी गुणवत्ता वाला फर्नीचर भेंट किया गया। ग्रुप कैप्टन गजेंद्र सिंह शक्तावत बांसी ने इसे एक अनुकरणीय उदाहरण बताया और इस सहयोग के लिए सभी ग्राम वासियों को धन्यवाद दिया। बड़ीसादड़ी नगर पालिका के पार्षद एवं समाजसेवी धनपाल मेहता ने समारोह में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देने वाले सभी छात्र छात्राओं को 2100 रुपये का पारितोषिक प्रदान किया। समाजसेवी भामाशाह धनपाल मेहता ने सभी विद्यार्थियों को जीवन में नशा नहीं करने का संकल्प भी दिलाया। भामाशाह धनपाल मेहता ने आगामी सर्दी में सभी नामांकित 95 विद्यार्थियों को अच्छी गुणवत्ता वाले स्वेटर देने की घोषणा की। जियाखेड़ी निवासी सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक नंदकिशोर शर्मा के सहयोग से सरस्वती मंदिर व विद्या की देवी मां सरस्वती की प्रतिमा को विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार व हवन करते हुए स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज व ग्रुप कैप्टन गजेंद्र सिंह शक्तावत बांसी की उपस्थिति में प्राण प्रतिष्ठा की गई।
भामाशाहों ने की स्कूल को सहयोग देने की घोषणा
समारोह के दौरान ग्राम वासियों ने स्कूल विकास के लिए घोषणाएं की। स्वर्गीय छगनलाल व्यास पुत्र गोपाल व्यास की पुण्य स्मृति में लक्ष्मी लाल व्यास ने 7300 रुपये, देव किशन व्यास 5100 रुपये, मगनीराम जाट व ओंकारलाल जाट ने 5200 रुपये, पूरण प्रकाश शर्मा ने 5151 रुपए, गणेश गिरी गोस्वामी 1151 रुपए, रामेश्वर भील 1101 रुपये व भंवरदास वैष्णव ने 1200 रुपये देने की घोषणा की। समारोह में पूर्व मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी हीरालाल शर्मा, राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के ब्लॉक अध्यक्ष कैलाश चंद्र मालू, बड़वल पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी सुखदेव मीणा, बोहेड़ा के पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी कैलाश चंद्र मेनारिया, मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के संदर्भ व्यक्ति चंद्रशेखर स्वर्णकार, विद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष ओंकारलाल जाट, व्याख्याता मदन सिंह शेखावत, शिक्षक बगदीराम धोबी, विद्यालय प्रबंधन समिति के पूर्व अध्यक्ष वेणीराम शर्मा, प्रधानाध्यापक पूरण प्रकाश शर्मा, शिक्षिका नूतन शर्मा, स्टाफ सदस्य हनुमंत कुमार सोनी, संजय सिंह सारंगदेवोत, प्रवीण कुमार मीणा, जनप्रतिनिधि लक्ष्मीलाल शर्मा, व्यवस्थापक हरीश शर्मा, अमीरामा सहकारी समिति के व्यवस्थापक मांगीलाल शर्मा, एडवोकेट कालूलाल जाट, भेरुलाल जाट, हरलाल जाट व पूर्व उपसरपंच चंपालाल गायरी सहित कई महिलाएं भी मौजूद थी। प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व प्रातः सरस्वती प्रतिमा के साथ पूरे गांव में गाजे बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा में महिलाएं उत्साह के साथ गीत गाती हुई चल रही थी। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम मुख्य पंडित चंद्रवर्धन चौबीसा एवं दिनेश चौबीसा की टीम द्वारा विधि विधान से संपन्न करवाया गया।
समारोह का संचालन शिक्षिका कविता पोरवाल व गजेंद्र सिंह गहलोत ने किया। आभार संस्था प्रधान राकेश कुमार मीणा ने जताया। समारोह के अंत में कार्यक्रम में आए सभी अतिथियों एवं विद्यार्थियों को झामेश्वर आर. ओ. प्लांट के शंकरलाल शर्मा व निलेश शर्मा की ओर से मिठाई युक्त भोजन करवाया गया। झामेश्वर आर ओ प्लांट के निलेश शर्मा ने शीतल जल भी उपलब्ध कराया। मुख्य अतिथि स्वामी सुदर्शनाचार्य महाराज व अतिथियों ने भामाशाह शंकरलाल व्यास, निलेश शर्मा व मन्दिर व मूर्ति भेंट करने पर भामाशाह नंदकिशोर शर्मा ओम प्रकाश व शिक्षिका नूतन शर्मा को सम्मानित किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जन, शिक्षक शिक्षिकाएं व कई प्रतिष्ठित नागरिक भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों का माल्यार्पण साफा व उपरना पहना कर अभिनंदन किया गया।
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