चित्तौड़गढ़। भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति राजस्थान मध्य प्रदेश के अफीम किसानों को दिनांक 21 नवम्बर रविवार को चित्तौड़गढ़ कलेक्ट्री पर धरना देते हुए होगए 28 दिन फिरभी शासन प्रशासन को नही दिख रहा किसानों का दर्द किसानों ने बरसती बरसात में सर्द रातों में धरना देकर अफीम खेती की नीति की पारदर्शिता अफीम खेती की नीति 2021- 22 को संशोधित कर थोपा गया मार्फिन नियम समाप्त कर 1997-98 से 2021 तक काटे गए सभी अफीम पट्टे बहाली के लिए माननीय प्रधानमंत्री महोदय और भारत सरकार को निवेदन कर रहे हैं। अफीम घटिया नहीं अधिकारी घटिया है।
माननीय मेक इन इंडिया का मजबूत आधार है समृद्ध भारत का मजबूत जरिया है आज जो नेता है नेता भी नहीं थे आज जो अधिकारी है अधिकारी भी नहीं थे आज जो किसान है किसान भी नहीं थे उस समय में भी संवैधानिक तरीके से परंपरागत अफीम खेती के 160000 किसान 50- 50 आरी की अफीम खेती करते थे माननीय प्रधानमंत्री महोदय 24/ 11/ 2013 को आपके द्वारा दिए गए आश्वासन के भरोसे किसान आज भी सर्द रातों में अफीम खेती की नीति की पारदर्शिता के लिए परंपरागत अफीम खेती के लिए धरना दे रहा है जबकि 24/ 11/ 2013 को स्वयं आपने चित्तौड़ की धरती पर हम अफीम किसानों के दर्द को आपने स्वयं अपने शब्दों में बयां किया था।नारकोटिक्स के भ्रष्टाचार की जमीनी हकीकत हम किसानों ने वित्त राज्य मंत्री पंकज जी चौधरी साहब को विद प्रूफ वीडियो बना करके भी प्रेषित किया लेकिन आज तक हम किसानों को न्याय नहीं मिला।अफीम घटिया नहीं अधिकारी घटिया है
नारकोटिक्स के भ्रष्ट अधिकारी सैकड़ों हजारों नहीं लाखों करोड़ों रुपए भोले किसानों से लूट रहे हैं और यह रात के अंधेरे में नहीं दिनदहाड़े भ्रष्टाचार युक्त अफीम खेती की नीति में मार्फिन नियम को थोप कर किसानों को लूटा जा रहा है माननीय प्रधानमंत्री महोदय आप स्वयं संज्ञान ले।चित्तौड़गढ़ कलेक्ट्री पर धरना लगातार अनवरत जारी है जो थोपा गया मार्फिन नियम समाप्ति और 1997- 98 से 2021 तक काटे गए सभी अफीम पट्टे बहाली तक जारी रहेगा। और नए अफीम पट्टे भी दिया जाए। भारत सरकार से मांग की है साथ ही राजस्थान सरकार से भी निवेदन किया है कि देश व किसान हित में राजस्थान सरकार से भी देश को आर्थिक आजादी दिलाने वाले एकमात्र औषधीय उत्पाद अफीम खेती की नीति की पारदर्शिता के लिए भारत सरकार को निवेदन करें घर घर औषधिय पौधे बांटना अच्छी बात हैं धन्यवाद है।
लेकिन औषधिय फसल अफीम खेती की नीति के लिए आपके द्वारा आज दिन तक भारत सरकार से मांग नहीं किया जाना किसानों को मायूसी दे रहा है। हालांकि कुछ किसान 2008 से संघर्ष कर रहे हैं संघर्ष करेंगे और जीत किसानों की ही होगी आज नहीं तो कल होगी लेकिन जो- जो किसानों के साथ धोखा कर रहा है किसानों की आंखों में कैमरे की तरह कैद भी हो रहा है। धरने में महाराज भगवानलाल मेघवाल सुथार खेड़ा मांगीलाल मेघवाल बिलोट संरक्षक उदयलाल भील नारायणपुरा हरि सिंह चुंडावत चावंडिया बेगू रोशनलाल शर्मा तहसील अध्यक्ष बेगू शंभूलाल डांगी चंपालाल डांगी भेरूलाल भील जवारीलाल मीणा भेरूलाल जटिया सूरजमल बाबरी बाबरी बगदीराम डूंगला राजू राजूलाल देवेंद्र नानूराम मेघवाल राजस्थान मध्य प्रदेश के किसान प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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