बन्शीलाल धाकड़ राजपुरा
चित्तौड़गढ़। कलेक्ट्री पर भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति राजस्थान मध्य प्रदेश के किसानों के धरने को दिनांक 26 नवम्बर 2021 शुक्रवार को 13 वर्ष पूर्ण होने और संपूर्ण देश के किसानों के संघर्ष को 1 वर्ष पूर्ण होने पर माननीय प्रधानमंत्री और भारत सरकार के नाम जिला कलेक्टर महोदय चित्तौड़गढ़ को किया गया ज्ञापन प्रेषित। आजादी से आज तक किसानों के देश में किसानों की जय बोल कर लोकसभा विधानसभा में सभी किसान नेता पहुंच जाते हैं लेकिन किसानों की जमीनी हकीकत आज भी यह है की फसल का लाभकारी मूल्य तो छोड़ो लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है। अफीम किसानों को आंदोलन करते- करते आज 13 वर्ष हो चुके हैं और भारत के किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य का आंदोलन करते करते 1 वर्ष पूर्ण हो चुका है। माननीय अफीम खेती की नीति में भी राजस्थान मध्य प्रदेश में यही हो रहा है अफीम घटिया नहीं अधिकारी घटिया है। किसानों के सभी मुद्दे आप अपने संज्ञान में ले और किसानों पर थोपा गया काला कृषि कानून तो आपने वापस ले ही लिया है इसके लिए बहुत- बहुत धन्यवाद अफीम खेती मे मार्फिन किसान नहीं जानता वैज्ञानिक नहीं जानता उस मार्फिन की आड में भ्रष्ट अधिकारी लाखों करोड़ों रुपए किसानों से लूट रहे हैं कृपया थोपा गया मार्फिन नियम समाप्त कर 1997- 98 से 2021 तक काटे गए सभी अफीम पट्टे बहाल करावे और नए अफीम पट्टे भी दिलावे जिससे 24/ 11/ 2013 में चित्तौड़ की धरती पर धरना दे रहे किसानों को आप के द्वारा स्वयं दिया गया आश्वासन पूरा हो सके। बाकी शेष फसलों पर C2+ 50% एमएसपी गारंटी कानून पारित करावे। तभी जय किसान मेक इन इंडिया मेड बाय किसान सार्थक सिद्ध हो सकेगा।अफीम नीति 2021- 22 अति शीघ्र संशोधित करावे तकी 25 अक्टूबर से लगातार चित्तौड़गढ़ कलेक्ट्री के बाहर धरने पर बैठे अफीम किसान अपने घर जाकर अफीम फसल की समय पर बुवाई कर सकें। अति शीघ्र संशोधित कर किसानों को न्याय दिलाया जाए।अफीम से 400 प्रकार की जीवन रक्षक दवाइयों का एकमात्र औषधीय उत्पाद है जिसको नारकोटिक्स के भ्रष्टाचार ने देश व किसानों को गलत सूचना दे दे कर भ्रमित कर रखा है। आज के धरने पर मेक इन इंडिया मेड बाय किसान उदयलाल भील पावली, मांगीलाल मेघवाल बिलोट, भेरूलाल जटिया, अंबालाल जाट, भारतीय जागरूक किसान संघर्ष समिति के इंजीनियर अनिल सुखवाल, गोपाललाल सहित किसान उपस्थित थे।
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