बंशीलाल धाकड़ राजपुरा
चित्तौड़गढ़। भारतीय अफीम किसान संघर्ष समिति राजस्थान मध्य प्रदेश लोकतंत्र का चौथा पाया मिडिया के माध्यम से निवेदन माननीय पूर्व मुख्यमंत्री महोदया वसुंधरा राजे सिंधिया और पूर्वी यूडीएच मंत्री माननीय चंद कृपलानी से निवेदन, माननीय मुख्यमंत्री महोदय के क्षेत्र में भी अफीम की खेती होती है और माननीय यूडीएच मंत्री महोदय चंद कृपलानी 24/ 11/ 2013 को प्रधानमंत्री महोदय चित्तौड़ की धरती पर धरना दे रहे किसानों को अफीम पट्टे बहाली का आश्वासन दे चुके हैं उस मंच पर आप स्वयं और मेवाड़ के समस्त जाने- माने क्रांतिकारी किसान नेता उपस्थित थे। 24/ 11/ 2013 को मंच पर हल नहीं अफीम किसानों की समस्या का पर्चा था। आज मंच पर किसान कि किस्मत लिखने वाला हल है।माननीय चित्तौड़गढ़ कलेक्ट्री के बाहर 1 महीने से अफीम खेती की नीति में थोपे में गए मार्फिन नियम समाप्ति और शेंष बचे 1997- 98 से 2021 तक काटे गए अफीम पट्टे बहाली और नारकोटिक्स के दिनदहाड़े लूट कर विश्व प्रसिद्ध बढ़िया अफीम को षडयंत्र पूर्वक घटिया किया जा रहा है पर इतना ही नहीं पकड़े गए भ्रष्ट अधिकारी वापस नारकोटिक्स विभाग में नौकरी कर रहे हैं इस समस्या का हल भी आपके पास है या फिर चित्तौड़गढ़ कलेक्ट्री के बाहर किसान धरने पर बैठे हैं धरने पर ही बैठे रहेंगे या फिर आपके पास समस्या का समाधान का भी कोई हल है या फिर आप खेत में किसान के द्वारा चलाए जाने वाले हल को ही समस्या का हल समझते हैं। निवेदन है आज 30 दिनो से किसान चित्तौड़गढ़ कलेक्ट्री पर धरना दे रहे किसानों को अति शीघ्र अफीम खेती की नीति 2021- 22 में संशोधन 5 सूत्री मांगों के अनुरूप करके किसानों को न्याय दिलावे।
पहली बात तो अफीम घटिया नहीं अधिकारी घटिया है और दूसरी बात माननीय प्रधानमंत्री महोदय और भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मेक इन इंडिया में अफीम खेती आती है और माननीय प्रधानमंत्री महोदय का चित्तौड़ की धरती पर धरने पर बैठे किसानो को परंपरागत अफीम खेती के अफीम पट्टे बहाली का वादा भी पूरा हो सके।
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