लक्ष्मी कांत दुबे की रिपोर्ट
सलेमपुर (देवरिया)। नगर के सेंट जेवियर स्कूल के विशाल प्रांगण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में मुख्य वक्ता अंतर्राष्ट्रीय कथावाचक प्रेमभूषण जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि संयमपूर्ण जीवन ही स्वयंसेवक का संस्कार होता है। हमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक परम पूज्य केशव राव बलिराम हेडगेवार जी की शिक्षाओं पर चलना होगा।
विजयादशमी हमारी वैभवशाली संस्कृति और गौरवशाली परंपरा का पर्व है। यह पर्व विजय का प्रतीक है। असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। अनाचार पर सदाचार की विजय का प्रतीक है। भगवान राम ने साधनहीन होते हुए भी समाज के शोषित एवं वचित वर्ग को संगठित कर साधन संपन्न रावण पर विजय प्राप्त की थी। यह पर्व शक्ति उपासना का पर्व है। शक्ति की प्रतीक मां दुर्गा की उपासना भी इन्हीं दिनों में होती है।
उन्होंने आगे कहा कि आज ही के दिन डॉक्टर हेडगेवार ने हिन्दू समाज को संगठित करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की थी। संघ के कार्यकर्ता अपने आंतरिक दोषों को दूर कर समाज की बुराइयों को दूर करें।
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