Updated: 31/10/2023 at 6:59 PM
सरदार वल्लभभाई पटेल जयंती की महानतम देन थी 562 छोटी बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलीनिकरण करके भारतीय एकता का निर्माण करना विश्व के इतिहास में एक भी व्यक्ति एसा नहीं हुआ जिसने इतनी बड़ी संख्या में राज्यों का एकीकरण करने का साहस किया हो 5 जुलाई 1947 को एक रियासत विभाग की स्थापना की गई थी- उक्त बातें सरदार पटेल की जयंती पर बच्चों को सम्बोधित करते हुए विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष जय नारायण त्रिपाठी प्रिंस ने कहा आगे उन्होंने कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल को भारत का लौह पुरुष कहां जाता है इसका कारण यह है कि नव स्वतंत्रत देश में राष्ट्रीय एकीकरण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता संपूर्ण और समझौताहीन थी जिसके कारण उन्हें “भारत का लौह पुरुष “की उपाधि मिली.
राष्ट्र निर्माण में लौह पुरुष की भूमिका अतुलनीय: डीएम
विद्यालय के छात्रों द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई एवं चित्र पर माल्यार्पण शपथ ग्रहण एवं दौड़ का कार्यक्रम कराया गया बच्चों को मिष्ठान वितरण किया गया कार्यक्रम में मुख्य रूप से विद्यालय के स्टाफ आशा यादव,अर्चना त्रिपाठी,आशा देवी द्वारा पटेल के चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया विद्यालय में रसोईया माला देवी मीना देवी सुनीता देवी उपस्थित रहीं
राष्ट्र निर्माण में लौह पुरुष की भूमिका अतुलनीय: डीएम
विद्यालय के छात्रों द्वारा प्रभात फेरी निकाली गई एवं चित्र पर माल्यार्पण शपथ ग्रहण एवं दौड़ का कार्यक्रम कराया गया बच्चों को मिष्ठान वितरण किया गया कार्यक्रम में मुख्य रूप से विद्यालय के स्टाफ आशा यादव,अर्चना त्रिपाठी,आशा देवी द्वारा पटेल के चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया विद्यालय में रसोईया माला देवी मीना देवी सुनीता देवी उपस्थित रहीं
First Published on: 31/10/2023 at 6:59 PM
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