बरहज, देवरिया नगर पुराना बरहज के प्राथमिक विद्यालय के मरम्मत के लिए सरकार की तरफ से प्रतिवर्ष धन आवंटित होता रहा है ।और धन का उपभोग भी किया जाता है।वर्तमान समय में यह विद्यालय पूर्ण रूप से टूट कर बिखर रहा है । और आज भी धन उसी विद्यालय की मरम्मत के नाम पर आ रहा है। दस्तावेज मे प्राथमिक विद्यालय पुराना बरहज का मरम्मत एवं रंगा पुताई का कार्य दिखाकर ग्रांट का पैसा हजम कर लिया जाता है । जबकि सूत्रों का कहना है कि ऐ0आर0पी0 आशुतोष शर्मा को कागज के चंद टुकड़ों के चलते चार विद्यालय प्राथमिक विद्यालय पुराना बरहज, प्राथमिक विद्यालय तिवारी पुर, कंपोजिट विद्यालय बरहज नंबर दो कार्यभार देख रहे हैं। जिसमें यह अपने कर्तव्य को बखूबी निभाते हैं। गुड्डू ने बताया की बच्चों के भोजन के लिए जो शासन से निर्धारित मीनू है। वैसे भोजन विद्यालय में कहीं पर नहीं दिया जाता है।
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धनंजय पाठक ने बताया कि केवल विद्यालय का नाम लिखवाने में ही विद्यालय के नाम पर आए हुआ धन समाप्त हो जाता है। प्रशांत यादव ने कहा कि सिर्फ पढ़ाई के नाम पर अगर आशुतोष शर्मा विद्यालय आते भी हैं तो केवल बैठे रहते हैं।
बिंदु देवी ने बताया यहां पर लोग आते हैं और दीवाल के ऊपर एक पट्टी बनाकर चले जाते हैं। सिरनावती देवी ने बताया कि हम लोगों के बग़ल में ही विद्यालय होते हुए भी अपने बच्चों को पढ़ने के लिए दूर भेजना पड़ता है।संगीता ने बताया की विद्यालय से हर दिन कुछ ना कुछ गिरता रहता है। जिससे कभी भी अप्रिय घटना घट सकता है। अन्य लोगों का कहना है कि सरकार की तरफ से बच्चों की शिक्षा लोगों की सुरक्षा के लिए अनेक उपाय किए जा रहे हैं ।लेकिन विभागीय उदासीनता एवं चंद पैसों से सरकार की छवि धूमिल हो रही है। ऐ0आर0पी0 को किसी विद्यालय का अतिरिक्त कार्यभार नहीं दिया जाना चाहिए। लेकिन अधिकारियों के कृपा पात्र ऐ0आर0पी0 आशुतोष शर्मा एक कंपोजिट सहित दो अन्य विद्यालयों का कार्यभार संभाल रहे हैं। और उसे बड़े ही चतुराई के साथ निभा रहे हैं।
कंपोजिट ग्रांट के विषय में पूछे जाने पर खंड शिक्षा अधिकारी विजय पाल नारायण त्रिपाठी ने बताया कि प्राथमिक विद्यालय पुराना बरहज जर्जर हो गया है ।उसे जल्द ही गिराकर नए सिरे से निर्माण कराया जाएगा। उसका कोई ग्रांट नहीं आता है। जबकि सूत्र के अनुसार इस सत्र में भी पुराना बरहज प्राथमिक विद्यालय के नाम से ग्रांट का उपयोग किया गया है।