उक्त बातें नौका टोला बेलडांड़ में चल रही श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के प्रथम दिवस श्रद्धालुओं को कथा का रसपान कराते हुए कथा व्यास डाक्टर श्रीप्रकाश मिश्र ने कही। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत के श्रवण से मिलती है अनोखी शांति व मुक्ति । भागवत के श्रवण से पापी से पापी जीव का उद्धार हो जाता है और समाज में व्याप्त कुरीतियों से मुक्ति मिल जाती है यह कथा सबसे पहले ब़म्हां जी को श्रीमन्नारायण जी ने दी ब़म्हां जी ने नारदजी को व नारद जी ने चार श्लोक व्यास जी को दिया उसी चार श्लोकों पर आधारित करके अठारह हजार श्लोकों की रचना कर अपने अवधूत पुत्र श्रीशुकदेवजी जी को पढाई। जब राजा परीक्षित को श्रृंगी ऋषि का श्राप लगा कि आज के सातवें दिन तक्षक नाग के डंसने से मृत्यु हो जायेगी यह जानकर श्रीशुकदेवजी ने राजा परीक्षित को कथा सुनाकर सप्ताहांत मुक्ति दिलाई । इस अवसर पर यजमान श्रीमती मुन्नी देवी शासकीय अधिवक्ता राजेश मिश्र जी उमाशंकर मिश्र संतोष मिश्र मनोज तिवारी विरेन्द्र उमेश विनोद अखिलेश जायसवाल जीवनलाल वर्नवाल चंदन मद्धेशिया रीतेश अशोक सिंह रामचंद्र मणि आदि श्रोताओं ने कथा का रसपान किये ।।