बरहज, देवरिया। स्मार्ट इंडिया हैकथान, मार्ट इंडिया हैकथान भारत का वार्षिक आयोजन मैसूर में हुआ। तकनीकी शिक्षा के लिए मैसूर में शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार की ओर आयोजित किया गया। ग्रैंड फिनाले में ड्रोन डिजाइन प्रोजेक्ट के लिए बरहज के परसिया तिवारी निवासी हरिनाथ तिवारी की पुत्री हर्षा तिवारी अपने पांच अन्य सहयोगियों के साथ हिस्सा लिया था। ग्रैंड फिनाले में वह विजेता रही। जिसके लिए उन्हें प्रस्थित पत्र, ट्राफी और एक लाख रुपये का पुरस्कार मिला। उनके प्रोजेक्ट डिजाइन में ड्रोन की मदद से रोबोट को किसी भी ऊंचाई पर पहुंचाकर बिल्डिंग आदि का सफाई कार्य किया जा सकता है।
हर्षा तिवारी ने बताया कि यह एक साथ लाने वाले दुनिया के सबसे बड़े हैकथॉन में से एक है। विभिन्न सरकारी संगठन उद्योगों द्वारा सामना की जाने वाली वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को हल करने के लिए इंजीनियरिंग, प्रबंधन और अनुशासन से जुड़े छात्र-छात्राओं को एक स्मार्ट ग्लास सफाई रोबोट डिजाइन करने का काम सौंपा गया था।सफाई तंत्र में एक स्प्रिंकलर मैकेनिज्म, ब्रश असेंबली और एक एंटेंडिंग वाइपर शामिल था। वास्तविक दुनिया के मुद्दों को सुलझाने के लिए एनर्जी ड्रिंक्स को सुलझाने में 36 घंटे से अधिक समय लगा। और मैंने यह किया। पहली चुनौती थी लगे दागों की पहचान करना। हम धूल का पता लगाने के लिए एक चकाचौंध के साथ गए। अगला क्रम ड्रोन को इतना स्थिर बनाना था कि वह मुश्किल ऊंचाई के निकट उतरने में सक्षम हो।प्रत्येक ट्रैक पर दो वैक्यूम कप रोबोट अट्रैक ने खुद को इमारत तक पहुंचाने में मदद की।इसके अतिरिक्त, इसने अपनी स्थिति में मामूली सुधार करने के लिए पिछली और पिछली पटरियों के बीच वैक्यूम दबाव को वैकल्पिक किया। इसके माध्यम से किसी भी ऊंचाई पर ड्रोन के माध्यम से रोबोट को उतार कर बिल्डिंग आदि की सफाई कार्य संभव हो सकेगा। वर्षा तिवारी दयानंद सागर यूनिवर्सिटी मैसूर में बीटेक फाइनल वर्ष की छात्रा हैं। इनकी उपलब्धि पर धीरेंद्र तिवारी,संजय बरनवाल, अलबेला लाल मद्धेशिया,राकेश तिवारी, दिग्विजय नाथ तिवारी ने हर्ष व्यक्त किया है।
संवाददाता
बरहज, देवरिया।