◾️नेशनल और इंटरनेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड मैडल लेना तथा मिलिट्री आफिसर बनना ही लक्ष्य!
“दि फेस आफ इंडिया” | श्रवण शर्मा/भाईंदर/ठाणे
सभी धर्मों के धर्मावलंबियों के बीच भाईचारे का प्रतीक और देवभूमि के नाम से अपनी विशिष्ट पहचान रखने वाला मिरा-भाईंदर शहर तेजी के साथ विकसित हो रहा है। शहर की आबादी अंदाजतन बीस लाख तक हो चुकी होगी। इन बीस लाख लोगों में एक ऐसी गुमनाम बच्ची भी है, जो “कराटे” चैंपियनशिप में राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्वर्ण पदक लाकर मिरा-भाईंदर शहर का नाम रौशन करने की क्षमता रखती है। मात्र नौ साल की उम्र में 2019 में “कराटे” जैसे खतरनाक खेल के क्षेत्र में प्रवेश करनेवाली “तन्वी पितांबर भद्रा” (Tanvi Bhadra) अब 2022 में बारह वर्ष की उम्र तक 18 मैडल्स जीत चुकी है। जिसमें 9 गोल्ड, 4 सिल्वर तथा 5 ब्रांज मैडल शामिल हैं।
भाईंदर पूर्व स्थित आरएनपी पार्क क्षेत्र की रहिवासी व मूलरुप से पश्चिम बंगाल (कोलकाता) के रहनेवाले “तन्वी” के पिता ने बताया कि, “तन्वी” बचपन से ही “कराटे” की तरह हाथ-पैर चलाया करती थी। शुरुआत में हमने इस ओर विशेष ध्यान नहीं दिया, परंतु 2019 में स्कूल की छुट्टियों के दौरान हमने सोचा कि, क्यों न, “तन्वी” को एक्ट्रा एक्टविटिज के लिए “कराटे” की ट्रेनिंग दिलाई जाए। जून 2019 में हमने ‘तन्वी’ को “कराटे चैंपियन क्लब” (CKC) में भर्ती कराया।
क्लब के मालिक ‘संतोष मोहिते’ और ट्रेनिंग कोच ‘अमित दवे’ के मार्गदर्शन में “तन्वी” ने अगले ही महीने जुलाई में पहला चैम्पियनशिप खेला, जिसमें उसे ‘ब्रांज मैडल’ मिला। उस समय कोच “अमित दवे” ने पूरे यकीन के साथ कहा था कि, यह लडकी “कराटे चैम्पियनशिप” में बहुत आगे तक जाऐगी। तब से यह सिलसिला चलता-चला आ रहा है। अब तक किसी भी चैंपियनशिप मुकाबले से ‘तन्वी’ खाली हाथ नहीं लौटी है। “तन्वी” बडी होकर सेना में अफसर बनना चाहती है। भाईंदर पूर्व के जेसलपार्क स्थित ‘सेंट फ्रांसिस हाईस्कूल’ की छटवीं कक्षा में पढने वाली “तन्वी” ने कहा कि, मेरी इच्छा है कि, मैं अन्य लडकियों को भी “कराटे” सिखाऊ, खासकर गरीब घरों की लडकियों को, ताकि समय आने पर वे अपनी सुरक्षा के लिए मुकाबला करने सक्षम रहें। “तन्वी” की मां शिवानी भद्रा का कहना है कि, पेरेंट्स को अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखकर यह अंदाजा लगाना चाहिए कि, वह किस स्पोर्ट्स में विशेष रुचि ले रहा है। उन बच्चों को उसी क्षेत्र में आगे बढाना चाहिए। लडकियों को “कराटे” जैसे स्पोर्ट्स, एक्ट्रा एक्टविटिज के तौर पर कराए जाने चाहिए। इससे वह मानसिक और शारीरिक तौर पर मजबूत होगी।

जिन लोगों ने “तन्वी” की कराटे चैंपियनशिप फाईट का वीडियो देखा है, सभी ने दांतों-तले अंगुलियां दबा ली और यह कहने पर मजबूर हो गए कि, जब अभी बारह साल की उम्र में यह बच्ची “कराटे रिंग” में इतनी निपुणता के साथ मुकाबला कर रही है, तो निश्चित ही यह लडकी एक दिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर देश, राज्य और मिरा-भाईंदर शहर का नाम रौशन करेगी।
मिरा-भाईंदर शहर की ऐसी प्रतिभावान बेटी “तन्वी” के उज्जवल भविष्य के प्रति राज्य सरकार और स्थानीय मिरा-भाईंदर मनपा प्रशासन सहित सामाजिक संस्थाओं को भी स्वतः संज्ञान लेने की आवश्यकता है।
प्रस्तुति : निर्भय कलम
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