देवरिया, जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने आज गायघाट व महेन-केवटलिया तटबंध का निरीक्षण कर बाढ़रोधी कार्यों के दृष्टिगत आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि मानसून को देखते हुए समस्त तटबंधों की नियमित पेट्रोलिंग की जाए। यदि कहीं कोई कमी मिले तो उसे तत्काल दूर कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि इस वर्ष अस्थायी जलभराव नहीं होना चाहिए। साथ ही उन्होंने तटबंधों के किनारे बसे राजस्व ग्रामों में अभियान चलाकर एफपीओ के गठन का निर्देश भी दिया।
जिलाधिकारी ने कहा कि किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के माध्यम से तटबंधों के स्लॉप पर लेमनग्रास, पॉमरोसा तथा सिट्रानेला जैसे वृक्षों को लगाया जाए। इनसे निकलने वाले तेल की वैश्विक मांग बहुत अधिक है, जिससे लोगों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी। ये वृक्ष अपनी विशिष्टताओं के चलते तटबंधों को मजबूती प्रदान करेंगे। ये वृक्ष बहुत अच्छे कटानरोधक होते हैं। उन्होंने अधिशासी अभियंता बाढ़ एनके जाडिया को उद्यान विभाग एवं कृषि विभाग से समन्वय स्थापित कर ग्राम मोहरा से इसकी शुरुआत करने का निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने गायघाट का निरीक्षण किया। अधिशासी अभियंता एनके जाडिया ने जिलाधिकारी को बताया कि गायघाट तटबंध पर बाढ़ नियंत्रण की दृष्टि से पारगम्य स्पर, अर्टिकुलटिंग मैट्रेस व जियोबेग के माध्यम से कटानरोधी कार्य किया गया है। गतवर्ष तटबंध पूरी तरह सुरक्षित था। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से संवाद भी किया और क्षेत्र में बाढ़ के संबंध में आवश्यक जानकारी प्राप्त की। उन्होंने एडीएम वित्त एवं राजस्व नागेंद्र कुमार सिंह से बाढ़ चौकियों के संबंध में जानकारी प्राप्त की। कहा कि बाढ़ चौकी जलभराव मुक्त स्थानों को ही बनाया जाए। पशुओं के लिए चारा-भूसा की उपलब्धता, संक्रामक रोगों से रोकथाम के उपाय सहित विभिन्न विषयों के संबन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए