बाँसी, सिद्धार्थनगर : स्वर्गीय हरिश्चन्द्र दूबे सेवा ट्रस्ट सिद्धार्थनगर के तत्वाधान में विकास खंड मिठवल के नरही गाँव में पारम्परिक लोक उत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नौटंकी, विरहा, चैती, लोक संगीत आदि प्राचीन परम्पराओं के विविध रूपों ने दर्शको का मन मोह लिया।
मुख्य अतिथि ग्राम प्रधान रितेश दूबे द्वारा मां सरस्वती के प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन से कार्यक्रम का आरम्भ हुआ। मुख्य अतिथि ने कहा कि पारम्परिक लोक उत्सव कार्यक्रम से भारतीय संस्कृति की समृद्ध परम्पराओं को सहेजने का प्रयास किया जा रहा है। वर्तमान पीढी को प्राचीन परम्पराओं को परिचित कराने के लिए इस तरह के आयोजन निरन्तर किए जाने चाहिए। कहा कि हम अपने लोक संस्कृति की थाती को सहेजे रखना होगा। विशिष्ठ अथिति दिनमणि उपाध्याय ने कहा की लुप्त हो रही प्राचीन परम्पराएं, संस्कृति व सभ्यता पर विस्तार से जानकारी दिया। कहा हमें अपने प्राचीन परम्पराओं को सहेजने की जरूरत है।
कार्यक्रम का आरम्भ नीता और रंगोली द्वारा देवी गीत, सरस्वती वंदना से हुआ। इसके बाद गाँव के बच्चे सुनैना, आरती, संध्या, तूलिका, माधुरी, अनन्या, भूमि, श्रुति ने सोहर गीत ‘जुग जुग जिया सो ललनवा, भवनवा का भाग जागल हो’ प्रस्तुत किया जिसने सबका मन मोह लिया। विद्यालय की छात्राओं ने ‘रंग खेलन जब सखि साजन सावरिया’ गीत के साथ काजल और शिवांगी ने मनमोहक नृत्य प्रस्तुत किया। कलाकार आराध्या द्वारा भी सुन्दर नृत्य पेश किया जिसे लोगों द्वारा खूब सराहना मिली। संस्था के अध्यक्ष अनुराधा दूबे द्वारा कलाकारों नंदिता, मोहिनी, रानू कुमारी, संगीता देवी, अभय देव शुक्ल, अतुल शुक्ल, शीलम शुक्ला, प्रतिमा कुमारी आदि को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।