भदोही। भले ही सरकार जमीनी विवाद के निस्तारण को लेकर तरह तरह की योजना बनाई है। और राजस्व विभाग को भी इस तरह के मामलों के निस्तारण की कड़ी हिदायत भी है कि इस तरह के मामलों में दोनो पक्षों के सहमति से निस्तारण हो लेकिन इसके बावजूद भी जमीनी विवाद को लेकर विभिन्न विवादित मामले देखने को मिलते है जिस जमीनी विवाद की वजह से कभी बड़ी घटना भी देखने को मिल जाती है। जमीनी विवाद के मामले अक्सर देखने को मिलते है। जिसमें कभी कभी राजस्व विभाग के ऊपर भी लोग लापरवाही और मनमानी करने का आरोप लगाते है।
एक ऐसा ही मामला तहसील ज्ञानपुर के सुजातपुर और धनापुर के निवासियों के बीच में एक जमीनी विवाद में देखने को मिल रहा है। जहां कई दिन से राजस्व विभाग और स्थानीय पुलिस के लोगो का आवागमन देखा जा सकता है। इस जमीन का विवाद सहखातेदारों के बीच है। एक पक्ष का कहना है कि इस जमीनी विवाद को लेकर अपर जिलाधिकारी के मामला लंबित है जबकि दूसरा पक्ष किसी भी लंबित मामले से इन्कार किया है। और जमीन पर निर्माण कार्य करना चाह रहा है।
मामला चकबहत्तर मौजा के आराजी नंबर 22 का मामला है जहां सुजातपुर निवासी त्रिवेणी तिवारी व अन्य तथा धनापुर निवासी गुलाबदेई सहखाते दार है। त्रिवेणी तिवारी एडीएम को दिये शिकायत पत्र में विवादित जमीन पर निर्माण रोकने की मांग की है तथा इस मामले को एडीएम के न्यायालय में विचाराधीन बताया है। जबकि गुलाबदेई के पक्ष का कहना है कि कोई भी मामला विचाराधीन नही है। राजस्व विभाग के अधिकारियों के निर्देश पर निर्माण कार्य कराया जा रहा है लेकिन त्रिवेणी तिवारी पक्ष के लोग निर्माण कार्य नही करने दे रहे है। रविवार को गुलाबदेई उक्त जमीन पर चहारदिवारी का निर्माण करा रही थी लेकिन विपक्षी लोगों के हस्तक्षेप के बाद कार्य को रोक दिया गया। दोनों पक्ष के लोगों को थाने में बुलाया गया था। और दोनों पक्षों से किसी भी तरह का विवाद न करने की हिदायत दी गई और अपना कागजात सक्षम अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत करने की बात कही गई। उसके बाद जो सक्षम अधिकारी का आदेश होगा उसे ही दोनों पक्षों को मानना है।
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