धनतेरस को ही हुआ था, देवताओं के वैद्य धन्वन्तरि का अवतरण – आचार्य अजय शुक्ल
इस वर्ष धनतेरस 10 नवम्बर को मनाई जाएगी
सलेमपुर, देवरिया। धनतेरस का त्योहार इस बार 10 नवम्बर को मनाया जायेगा। इसी दिन देवताओं के वैद्य धन्वंतरि का भी जन्म हुआ था।उक्त बातें बताते हुए आचार्य अजय शुक्ल ने कहा कि वैदिक पंचांग के अनुसार इस साल कार्तिक मास के त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 10 नवम्बर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर हो रहा है, यह तिथि 11 नवम्बर को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट तक है। ऐसे में प्रदोष काल 10 नवम्बर को प्राप्त हो रहा है। इसलिए धनतेरस 10 नवम्बर दिन शुक्रवार को है। इस दिन से ही दीपावली के त्योहार की शुरुआत होती है।धनतेरस को धन त्रयोदशी भी कहते हैं।इस दिन लोग सोना, चांदी, आभूषण, मकान, वाहन आदि की खरीदारी करते हैं।धनतेरस पर माता लक्ष्मी और धन के अधिपति कुबेर की पूजा पूरे विधिविधान से की जाती है। इस बार पूजा अर्चना का शुभमुहूर्त 10 नवम्बर को शाम 5 बजकर 47 मिनट से प्रारंभ होगा और यह मुहूर्त शाम 7 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। इस बार लक्ष्मी, गणेश, कुबेर देव की पूजा के लिए आपको 1 घन्टा 56 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा। धनतेरस के दिन सोना,चांदी, हीरे,जवाहरात खरीदने का सर्वश्रेष्ठ समय माना जाता है।इस वर्ष आपको 18 घंटे 5 मिनट का शुभ समय प्राप्त होगा। 10 नवम्बर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से अगले दिन 11 नवम्बर को सुबह 6 बजकर 40 मिनट तक का समय इन सभी आभूषण के खरीदने का सर्वोत्तम समय है। आचार्य अजय शुक्ल ने बताया कि पवित्र मन से इस त्योहार को मनाने वाला व्यक्ति कभी दरिद्र नही हो सकता है। चिकित्सा पद्धति से जुड़े हुए लोग इसी दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा अर्चना भी करते हैं।