जन जागरूकता के माध्यम से क्षमता निर्माण पर जोर।
देवरिया । जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण देवरिया एवं यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में आपदा मित्रों का दो दिवसीय प्रशिक्षण वर्चुअल माध्यम से रविवार को संपन्न हुआ। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में आपदा मित्रों को प्राकृतिक आपदा से निपटने की बारीकियां बताई गई। साथ ही जन जागरूकता के माध्यम से स्थानीय स्तर पर क्षमता निर्माण पर भी जोर दिया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आपदा प्रबंधन के राज्य सलाहकार मनोज कुमार सिंह ने कहा कि आपदाओं के न्यूनीकरण हेतु आपदा मित्रों का चयन किया गया है । आपदा मित्रों का दायित्व है कि वह अपने-अपने विकास खंड में और आस पास के गांव में आपदा के पूर्व की जाने वाली तैयारी तथा आपदा के दौरान रखें जाने वाले उपाय और आपदा पश्चात की जाने वाले कार्यों के संदर्भ में जनमानस को जागरुक करें, जिससे आपदाओं से होने वाली क्षति को कम किया जा सके। उन्होंने सहभागी विधियों का प्रयोग करते हुए लोगों की समस्याएं और उनका निराकरण तथा जन-सहभागिता जैसे मुद्दों पर चर्चा किया। साथ ही आकाशीय बिजली ,बाढ़ और भूकंप के दौरान की जाने वाले बचाव के उपायों पर भी प्रकाश डाला ।
वरिष्ठ प्रशिक्षक डॉ एसके सिंह ने सर्प दंश जैसी आपदा से बचाव के उपाय पर चर्चा किया। उन्होंने जहरीले सांप एवं बिना जहर वाले सांपों के काटने के अंतर उनके उपचार के संदर्भ में आपदा मित्रों को जानकारी देते हुए कहा कि कभी भी सर्प दंश की स्थिति में झाड़ फूंक या तांत्रिक के चक्कर में नहीं पड़ना चाहिए। उस मरीज को तुरंत अस्पताल पहुंचाना चाहिए, जिससे कि उसकी जान बचाई जा सके। प्रशिक्षक अजीत तिवारी ने सहभागी विधियों पर चर्चा करते हुए कहा कि आपदा मित्रों को चाहिए कि गांव में बनने वाली ग्राम पंचायत विकास योजना के साथ ही आपदाओं को भी प्राथमिकीकरण करके ग्राम पंचायत विकास योजना में समेकित करते हुए ग्राम पंचायत विकास योजना बनाई जाये, जिससे कि आपदाओं के दौरान आने वाली समस्याओं से निपटा जा सके। कार्यक्रम समन्वयक विजय प्रताप सिंह ने आपदाओं के दौरान की जाने वाले कागजी गतिविधियों तथा मिलने वाले क्षतिपूर्ति के संदर्भ में आपदा मित्रों को विस्तार से जानकारी प्रदान किया । उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान मृत व्यक्ति का पोस्टमार्टम बहुत आवश्यक होता है ,पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अभाव में बहुत सारे पात्र ब्यक्ति भी सरकार द्वारा मिलने वाली धनराशि से वंचित रह जाते हैं, इसलिए घटना के बाद पोस्टमार्टम किया जाना सुनिश्चित हो सके, इसलिए आपदा मित्रों का दायित्व और बढ़ जाता है। प्रशिक्षण के दौरान विकास कुशवाह, संजीव रंजन, पी एल यादव, नम्रता एल्फ्रेड, अनवेषा शुक्ला, कंचन सिंह कंचन मौर्या, वंदना कुशवाहा, मोनी विश्वकर्मा, रंजना मल्ल, सच्चिदानंद गुप्ता, दीपमाला, अमित तिवारी समेत 80 आपदा मित्र जुड़े रहे।
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