भदोही। कोईरौना क्षेत्र के बेरवां पहाड़पुर में स्थित पंचवटीधाम आश्रम में मथुरा वृन्दावन से पधारे कथावाचक आचार्य शरद कृष्ण जी महराज ने अपने संगीतमय प्रवचन में कहा कि भागवत सभी कष्ट और रोगों को मिटाने में समर्थ है। भागवत की कथा चार जगह हुई जो अपने पर खास है। भागवत कथा श्रवण करने से कई गुना फल मिलता है। कहा कि भागवत कथा समेत समारोह में जाने से पुण्य मिलता है। महराज ने कहा कि भगवान का अवतार तभी होता है जब जब धर्म की हानि होने लगती है तब भगवान को गौ,भक्त,पृथ्वी की रक्षा के लिए अवतार लेना पड़ता है। संसार में सभी चीजों का निर्माण करने वाला और विनाश करने वाला परमात्मा ही है।
महाराज ने बताया कि रामायण भगवान का घर है जबकि रामचरितमानस सरोवर है। कर्म के बारे बताया कहा कि कर्म तीन प्रकार का होता है। जिसमें कर्म, अकर्म और विकर्म प्रमुख रूप में होता है। कर्म अपने सनातन धर्म की रक्षा करे। अकर्म सनातन धर्म को नही मानता तथा विकर्म लोगो को सनातन कार्य होने से रोकता है। क्योकि इस तरह के आयोजन भगवान की कृपा से होती है। क्योकि भागवत जोडना सिखाती है न कि तोड़ना सिखाती है। कहा कि कही जाये या न जाये लेकिन वृंदावन जरूर जाये तथा कोई कथा सुने न सुने लेकिन भागवत कथा जरूर सुने। राम की कृपा से संतों की संगति होती है। इसलिए संतों की कृपा जरूरी है। इसलिए सभी को यह हमेशा सोचना चाहिए कि हर कार्य भगवान की कृपा से ही हो रहा है और भगवान किसी न किसी रूप में मेरे साथ है। इसलिए भगवान को कभी भी नही भूलना चाहिए। क्योकि सभी कार्य भगवान की कृपा से ही होता है। लेकिन यह ध्यान रहे कि भरोसा पूरी तरह से भगवान पर होना चाहिए। इस मौके पर सुकुरू पाण्डेय, तेजबली पाण्डेय, हर्षदेव पाण्डेय, शिवदीप पाण्डेय, विवेक मिश्रा, बबित ओझा, रवि प्रकाश पाण्डेय, इन्द्रनाथ पाण्डेय, भाष्कर पाण्डेय, अम्बरीष तिवारी, प्रदीप पाण्डेय, लवकुश तिवारी, अमित ओझा, रमेश यादव, संतोष तिवारी, मानिक चन्द पाण्डेय और आनंद पाण्डेय समेत काफी संख्या में क्षेत्र के लोग मौजूद रहे।
रिपोर्ट- संतोष कुमार तिवारी 9453366489
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