उत्तर प्रदेश

एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट को दिया जाए कानून का दर्जा -दिव्यांश पति त्रिपाठी

देवरिया | उत्तर प्रदेश में अधिवक्ताओं की मौलिक अधिकार पर विचार,अधिवक्ता हित्तों,विमर्श के लिए दीवानी कचहरी स्थित दिवाकर शुक्ला के अधिवक्ता चेबर मे बैठक का आयोजन किया गया।

बैठक में उत्तर-प्रदेश बार काउन्सिल के अनुशासन समिति के सदस्य दिव्यांश पति त्रिपाठी एडवोकेट ने कहा सभी को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ने वाला अधिवक्ता असुरक्षित है। वकीलों की सुरक्षा की चिंता किसी को नहीं है। अगर अधिवक्ता न हों तो सारी व्यवस्था बेपटरी हो जाएगी पुलिस से लेकर अधिकारी, अस्पताल से लेकर कार्यालय सभी जगह अराजकता का बोलबाला होगा और जंगलराज कायम हो जाएगा। उ.प्र सरकार को अधिवक्ता हितो को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के दृष्टिकोण से एडवोकेट प्रोटेक्सन-एक्ट तत्काल प्रभाव से लागू कर देना चाहिए अधिवक्ताओं का सामुहिक बिमा योजना तथा वरिष्ठ अधिवक्ताओं का पेंशन योजना लागू करना चाहिए, नये युवा अधिवक्ताओं को स्टाइपेंड देना चाहिए,

इसी क्रम में वरिष्ठ अधिवक्ता श्वी दिवाकर शुक्ला जी ने कहा, कि माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने जो एक आदेश अधिवक्ताओं के हड़ताल एवं शोक संदेश पर दिया है उस पर माननीय उच्च न्यायालय को पुनः विचार और एक गाइड-लाइन जारी करते हुए, अधिवक्ताओं पर नरम रुप रखना चाहिए, अधिपक्ता सामाज अपने मेहनत से अपना काम करता है और समाज को दिशा देने का काम करता है। बैठक में रामाश्रय दीक्षित, मृत्युन्जय नाथ त्रिपाठी . कन्हैया तिवारी, नरेन्द्र यादव, अशोक पटेल, राजेंद्र जायसवाल, रत्नेश पाण्डेय आदि अधिवक्तागण शामिल रहे

अजय गुप्ता की रिपोर्ट 

The face of Deoria Tfoi