बरहज। देवरिया बरहज मां सरयू के उत्तरी छोर पर स्थित बरहज बाजार जहां पर योगीराज अनंत महाप्रभु की तपोस्थली रही है अनंत महाप्रभु के तप साधना की विख्याति चारों तरफ फैल चुकी थी। योगीराज अनंत महाप्रभु के रोम रोम से ओम का प्रणव नाद होता था योगीराज अनंत महाप्रभु के शिष्य व पूर्वांचल के गांधी बाबा राघव दास जी महाराज जिन्होंने अपने जीवन को ही राष्ट्र की सेवा सामाजिक सेवा आध्यात्मिक चिंतन के प्रति समर्पित कर दिये थे । आश्रम के तीसरे पीठाधीश्वर साधु रत्न ब्रह्मचारी सत्यव्रत जी महाराज जिन्होंने सनातन धर्म के प्रति सजग एवं समर्पित थे योगराज अनंत महाप्रभु जयंती महोत्सव का संचालन करते रहे।
आश्रम के चौथे पीठाधीश्वर राजाराम शरण जी महाराज एवं पांचवें पीठाधीश्वर चंद्र देव शरण जी महाराज आश्रम की परंपराओं का निर्वहन करते हुए अपने जीवन को आश्रम के प्रति समर्पित किया योगीराज अनंत महाप्रभु के इस जयंती महोत्सव में देवरहा बाबा, करपात्री जी महाराज, पयोहारी जी महाराज, बिंदु जी महाराज, महंत अवैद्यनाथ जी , पूरी के पुरी के शंकराचार्य निरंजन देव तीर्थ जी,नृत्य गोपाल दास जी महाराज, छोटी छावनी अयोध्या लक्ष्मण किलाधीश श्री सीताराम शरण जी महाराज, श्रीमन नारायण जी महाराज, जैसे संतों ने अनंत महाप्रभु जयंती महोत्सव में उपस्थित होकर पीठ का सम्मान बढ़ाया और योगीराज का दर्शन किया इन सभी के बीच आश्रम के प्रति समर्पित शिक्षण संस्थानों के विकास को लेकर निरंतर गतिशील बने रहने वाले राज नारायण पाठक जी पर संतों का आशीर्वाद व स्नेह बना रहा ऐसे पीठ पर वर्तमान पीठाधीश्वर आञ्जनेय दास जी महाराज की देखरेख में 27,28 व 29 सितंबर को योगीराज अनंत महाप्रभु की 247वीं की जयंती धूमधाम से मनाई जायेगी है।