सीएमओ पद को समझ बैठा है मुख्यमंत्री का पद।
चला रहा है खुद का काला साम्राज्य,स्टाफ नर्स से कर रहा अवैध वसूली।
मांग पूरी न होने पर रोक देता है सैलरी,आए दिन ऑफिस का कराता है परिक्रमा और करता है प्रताड़ित।
सरकार को खुला चैलेंज देकर पद को ही बदलने का रखता है पावर।
संविधान में निहित नियम और कानून, शासन सत्ता को उल्टा तमाचा मारने का काम कर रहा सीएमओ ।
सरकार द्वारा किए गए नियुक्ति को कर दिया दरकिनार और खुद से कर दिया है दूसरी नियुक्ति।
गजब का खेला कर डाला एक ही महिला की दो पदों पर नियुक्ति कर डाला।
सीएमओ का बड़ा हिमायती है अधीक्षक जो संरक्षण में स्टाफ नर्स को करता है प्रताड़ित।
अगर नहीं मिला पैसा तो रोक देता है सैलरी फिर चाहे डीएम हो या फिर यूपी सरकार।
डीएम से भी नहीं डरता अंबेडकरनगर का सीएमओ ।
मानो कि जनपद को डीएम नहीं है खुद सीएमओ चला रहा हो।
स्टाफ नर्स को परामर्श दात्री बनाकर नियुक्ति कर दिया पद को ही बदल दिया।
पैसे की मांग पूरी न होने पर ट्रांसफर कर देता है।
ऐसे कई मामले इस घटिया सीएमओ चुका है।
डॉक्टर से लेकर स्टाफ नर्स तक से करता है अवैध वसूली और न मिलने पर कर देता है दूर ट्रांसफर।
ऐसा ही एक मामला अकबरपुर का प्रकाश में आया है जिसमें सीएमओ की काली करतूत का होगा पर्दाफाश।
डीएम के आदेश के बाद मिली थी सैलरी, फिर अवैध वसूली की चाहत में रोक दिया सैलरी।