पटना मे 20 दिनों तक निराहार रहकर गिनीज वर्ल्ड बुक का रिकार्ड तोड़ने वाले नेपाल के संत राजेंद्र रेग्मी उर्फ़ निराहारी बाबा को आज बिहार विधान सभा के अध्यक्ष श्री नंद किशोर यादव ने उनकी इस उपलब्धि पर उनसे मिलकर बधाई दी। साथ ही उन्होंने निराहारी बाबा को शॉल, गमछा और मोमेंटो देकर सम्मानित किया। अध्यक्ष श्री यादव ने कहा, कि बाबा अदभुत अकल्पनीय है ।कोई व्यक्ति कैसे बीस दिनों तक बिना खाये पिए रह सकता है इस पर रिसर्च होने की जरूरत पर बल दिया। वहीं 20 दिनों तक निराहार रहने वाले निराहारी बाबा का नाम गिनीज बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ़ रिकार्ड्स और इंटरनेशनल बुक ऑफ़ रिकार्ड्स के लिए अप्लाई कर दिया गया है उन्हे आशा है कि यह उपलब्धि से सम्मानित होंगे।इससे पहले गिनीज वर्ल्ड बुक में अप्रैल1979 में 18 दिनों तक निराहार रहने का रिकॉर्ड ऑस्ट्रिया निवासी एंड्रियास मिहावेज के नाम दर्ज था जिसे राजेंद्र रेग्मी उर्फ़ निराहारी बाबा ने 20 दिनों तक निराहार रहकर तोड़ने अभूतपूर्व काम किया है। इस उपलब्धियों पर कई संस्थाओं ने भी उन्हें सम्मानित किया है।
20 दिनों के निराहार के दौरान सरकारी अस्पताल जयप्रभा के डॉ. यश राज प्रति दिन स्वास्थ की जाँच किया करते थे। उनके अनुसार सामान्य व्यक्ति अगर अन्न केवल त्याग कर पानी ले रहा है तो एक महीने से डेढ़ महीने अधिकतम दो महीने तक जिंदा रह सकता है। पानी से शरीर को बहुत पोषक तत्व मिलते हैं. यदि कोई शख्स अन्न जल भी छोड़ रहा है तो एक सप्ताह तक जीवित रह सकता है। जल छोड़ने के बाद बहुत सारे जो सिस्टम है वह शटडाउन होने लगते हैं। किडनी का फंक्शन काम करना बंद करने लगता है। स प्रकार के लंबे उपवास से स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं. उपवास के दौरान शरीर में पोषण की कमी हो सकती है, जिससे कमजोरी, चक्कर आना, और अन्य शारीरिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।