उत्तर प्रदेश

सीडीओ ने किया आंगनबाड़ी भवन बनने के संबंध में आवश्यक बैठक

मुख्य विकास अधिकारी रवींद्र कुमार की अध्यक्षता में आज विकास भवन स्थित गांधी सभागार में 115 आंगनबाड़ी भवन बनाने के संबंध में अंतर्विभागीय समन्वय बैठक आयोजित हुई। सीडीओ ने कहा कि 10 दिसंबर तक प्रत्येक दशा में आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण समयबद्धता एवं गुणवत्ता के साथ पूर्ण कर लिया जाए। लापरवाही मिलने पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

मुख्य विकास अधिकारी रवीन्द्र कुमार ने बताया कि हाल ही में विभाग द्वारा विगत कई वर्षों से लंबित 65 आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण कराया गया है। इसके अतिरिक्त करीब 75 आंगनबाड़ी भवनों का कायाकल्प एवं मरम्मत का कार्य भी किया गया है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष दिसंबर माह तक 115 भवनों का निर्माण कार्य प्रत्येक दशा में पूर्ण कराया जाए। निर्माण कार्य में तत्परता दिखाने वाले तीन सचिवों को सम्मानित किया जाएगा। मुख्य विकास अधिकारी ने इसकी एक समय सीमा निर्धारित की जिसमें माह अगस्त, 2023 तक कुर्सी लेवल तक का कार्य, सितम्बर, 2023 तक- डोर लेवल तक का कार्य जिसमें खिड़की दरवाजा एवं फ्रेमिंग का कार्य करा लिया जाय, 15 नवम्बर 2023 तक छत एवं प्लास्टर का कार्य पूर्ण कर लिया जाय एवं 10 दिसम्बर, 2023 तक आन्तरिक एवं बाह्य विद्युतीकरण बाला पेन्टिंग पंखे लाइट, वाल पेन्टिंग वाशिंग हैण्डवाश की व्यवस्था बाल मैत्रिक एवं दिव्यांग मैत्रिक शौचालय पानी की टंकी आदि की व्यवस्था करायी जाय। साथ ही मुख्य विकास अधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि इसका एक विभागीय वाट्सऐप ग्रुप बनाकर करके सभी सचिवों को जोड़ दिया जाय एवं प्रत्येक 10 दिवसों के बाद इसकी प्रगति की समीक्षा की जायेगी। सीडीपीओ निर्माण कार्य के नोडल होंगे।

अपर जिला पंचायत राज अधिकारी श्रवण चौरसिया द्वारा अवगत कराया गया कि सभी सचिव यह सुनिश्चित कर लें कि उनके ग्राम निधि प्रथम खातों में बाल विकास विभाग की धनराशि मार्च, 2023 में भेजी जा चुकी है। इसका भुगतान फिनिसिंग कार्य में किया जाना है, अतः इसका विशेष ध्यान रखा जाय कि जो धनराशि जिस कार्य हेतु निर्धारित हो उसे उसी कार्य में भुगतान किया जाय।

अधिशासी अभियन्ता, ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग द्वारा बताया गया कि भवन निर्माण की महत्वपूर्ण अवस्थायें यथा जब छड़ व सरिया बांधे जाय उस समय ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग के अवर अभियन्ताओं को अनिवार्य रूप से अवगत करा दिया जाय एवं साथ ही बालू सीमेन्ट एवं गिट्टी आदि की गुणवत्ता का ध्यान दिया जाय। फिनिशिंग के कार्य एवं दरवाजा एवं पल्लोें की गुणवत्ता का ध्यान दिया जाय। तकनीकी स्वीकृति सम्बन्धी जो कार्य उनके स्तर से किये जाने हैं उसे शीघ्र ही पूर्ण करा लिया जायेगा। उपायुक्त श्रम रोजगार श्री आलोक पाण्डेय द्वारा अवगत कराया गया कि मनरेगा की राशि सर्वाधिक है। अतः एक सुनियोजित तरीके से कार्य किये जायें एवं इसका विशेष ध्यान रखा जाय कि शासन स्तर से जो मनरेगा का पैसा जारी किया जाता है यथा सम्भव शीघ्रताशीघ्र ग्राम पंचायतों के खाते में चला जाय। ग्राम पंचायत सचिव इसकी व्यक्तिगत निगरानी करेगें।

बैठक में सभी सचिव, समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी, श्री श्रवण कुमार अपर जिला पंचायत राज अधिकारी, श्री कृष्ण कान्त राय, जिला कार्यक्रम अधिकारी, अधिशासी अभियन्ता, ग्रामीण अभियन्त्रण विभाग उपस्थित रहें।

Bhagavan Upadhyay

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