राजस्थान में चांदीपुरा वायरस को लेकर मेडिकल विभाग ने जारी की सभी जिलों को एडवाइजरी
राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में चांदीपुरा वायरस तेजी से पैर पसार रहा है। बताया जाता है कि गुजरात में सबसे ज्यादा चांदीपुरा वायरस के मामले सामने आए हैं। वहीं गुजरात से सटे राजस्थान में भी इसका प्रभाव लगातार तेजी से बढ़ रहा है। राजस्थान में हाल ही में 6 मामलों की पुष्टि हुई थी। वहीं वायरस के प्रभाव से 2 लोगों की मौत भी हुई है। इसके बाद अब डूंगरपुर जिले में एक पॉजिटिव मामला सामने आया है जिससे राजस्थान स्वास्थ्य विभाग के हाथ-पांव फुलने लगे हैं। राजस्थान में 2 मौते इसी वायरस से हुई है।
देश में चांदीपुरा वायरस का यह पहला प्रकोप नहीं है: 2003-04 में महाराष्ट्र, गुजरात और आंध्र प्रदेश सहित मध्य भारत के कुछ हिस्सों में इसका प्रकोप हुआ था, जिसके कारण 300 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी।
डूंगरपुर में एक मामला सामने आने के बाद अब चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेशभर में इस रोग को लेकर सावधानी बरतने एवं आवश्यक प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत एडवाइजरी जारी की है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने प्रदेश में चांदीपुरा वायरस का रोगी सामने आने के बाद इस बीमारी से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद विभाग ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों तथा प्रमुख चिकित्सा अधिकारियों को एडवाइजरी के अनुसार आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
डीएम व एसपी ने जिला कारागार का किया औचक निरीक्षण
निदेशक जनस्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश माथुर ने बताया कि एडवाइजरी के अनुसार एक्यूट इंसिफेलाइटिस सिण्ड्रोम से ग्रसित रोगी सामने आने पर उसे तत्काल प्रभाव से निकटतम जिला अस्पताल या मेडिकल कॉलेज में रैफर करने के निर्देश दिए गए हैं।
कोई भी संदिग्ध केस सामने आने पर सभी चिकित्सा संस्थानों को इसकी जानकारी जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय को तत्काल प्रभाव से देनी होगी. साथ ही इस रोग के केसों की दैनिक रिपोर्टिंग IHIP पोर्टल पर भी करनी होगी। रोग के संबंध में जागरूकता हेतु आवश्यक IEEC गतिविधियां संचालित किए जाने के भी निर्देश दिए गए हैं