Deoria News : मामूली विवाद में पुलिस की पिटाई से युवक की गई जान
भागलपुर /देवरिया। बरहज थाना क्षेत्र के सतराव पुलिस चौकी इंचार्ज वीरेंद्र कुशवाहा द्वारा मामूली विवाद में बीच चौरहे पर मारपीट में एक व्यक्ति की मौत हो गई। जिसके बाद अक्रोसित परिजनों ने पुलिस चौकी इंचार्ज को घेरना शुरू किया। चौकी इंचार्ज कहीं जाकर छुप गया।
पुलिस के साथ मारपीट का आरोप लगाते हुए। ग्रामीणों ने कहा कि पुलिस चौकी इंचार्ज सतराव द्वारा मारपीट करने पर सतराव के एक व्यक्ति जिसकी उम्र 30 वर्ष जिसका नाम ददन यादव है कि इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।
आपको बताते चले कि देवरिया जिले के बरहज थाना अंतर्गत सतराव गांव में एक व्यक्ति दद्दन यादव जो देशी शराब की दुकान के पास खड़ा था। जिससे सतराव चौकी इंचार्ज वीरेंद्र कुशवाहा की कहा सुनी हुई। धीरे-धीरे कहा सुनी मारपीट में बदल गई। ददन यादव के घायल होने की बात सुनते ही दद्दन यादव की पत्नी और कुछ ग्रामीण मौके पहुंच गए। चौकी इंचार्ज वीरेंद्र कुशवाहा के साथ मारपीट करने लगे। मौका पाकर चौकी इंचार्ज कहीं छूप गया। गुस्साए परिजनों व ग्रामीण चौकी पर पहुंच गए और वहां पर खड़ी फोर व्हीलर पर ईंट पत्थर चलाएं उसके बाद चौकी प्रभारी की दोपहिया वाहन को आग के हवाले कर दिया। जबकि इस विषय सी ओ बरहज आदित्य कुमार गौतम से पूछे जाने पर उन्होंने कहा की गाड़ी फूकने का मामला नहीं है। उधर घायल को लोगों ने अस्पताल में भर्ती कराया जहां उनकी हालत बिगड़ती देख, जिला अस्पताल ले जाया गया। इस घटना की सूचना पाते ही बरहज थाने की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गई।
सतराव ग्राम प्रधान इंदल यादव का कहना है कि ददन यादव के शव को पीएम के लिए भेज दिया गया है।
एसपी संकल्प शर्मा का कहना है कि सतराव में हुई मारपीट की घटाना जिसमें दद्दन यादव(30) नामक व्यक्ति की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हुई है। परिजनों का आरोप है कि दद्दन यादव के साथ एक सब इंस्पेक्टर द्वारा मारपीट की गई थी। इस संबंध में परिजनों द्वारा तहरीर दी गई है जिस पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
35 वर्षीय युवक की कस्टोडियल डेथ का मामला मानवाधिकार आयोग पहुंच गया।
। इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता डॉ गजेंद्र सिंह यादव ने मामले को मानवाधिकार आयोग में दर्ज कराया है तथा पीड़ित परिवार को न्याय व आर्थिक सहायता प्रदान करने की मांग की है । अधिवक्ता ने कहा कि मृतक की तीन बेटियां हैं तथा परिवार में वह अकेला कमाने वाला था अतः पीड़ित परिवार की आर्थिक मदद के साथ ही मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके । मानवाधिकार आयोग की जांच के साथ ही हम लोग शीघ्र ही माननीय उच्च न्यायालय में निष्पक्ष जांच की मांग के लिए याचिका दायर करेंगे।