बरहज, देवरिया। नगर पालिका बरहज अंतर्गत नंदना वार्ड पूर्वी मध्य में श्रीमद्भागवत कथा के पांचवे दिन भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का भव्य व मनोहर दृश्य प्रस्तुत किया गया। बताते चले कि नंदन पूर्वी मध्य में चल रहे श्रीमद्भागवत की कथा के पांचवे दिन पंडित मनमोहन मिश्र

ने श्रद्धालुओं को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव की कथा सुनाते हुए कहा कि भगवान के 24 अवतार हुए, जिसमें दो अवतार श्रीरामावतार व श्रीकृष्णावतार प्रमुख हैं। श्रीरामावतार में भी कौशल्या के सम्मुख भगवान चतुर्भुज रूप  में आए थे, व श्रीकृष्णावतार में भी देवकी, वसुदेव के समक्ष भगवान चतुर्भुज रुप में ही आए ,माता देवकी एवं वसुदेव ने भगवान के अद्भुत चतुर्भुज रूप हाथों में सुदर्शन चक्र, गदा, शंख, पदम एवं पीतांबर धारण किए हुए प्रभु मुस्कुरा रहे थे ऐसे रूप को निहारने लगे, भगवान कृष्ण ने कहा मैं आपकी गोद में बालक बनकर आ रहा हूं, भगवान श्रीकृष्ण ने वासुदेव , देवकी को सब कुछ समझाया और कहा कि मुझे नंद बाबा के घर आप पहुँचा दे।

इस प्रकार बताने के बाद भगवान श्रीकृष्ण बालक के रूप में माता देवकी की गोद में रोने लगे।जन्म लेते ही कंस के कारागार का फाटक खुल गया, सारे पहरेदार सो गए ,वासुदेव देवकी के हाथों की हथकड़ी व पांव बेड़िया खुल कर गिर गई । वासुदेव ने भगवान को सूप में रखकर यमुना पार कर नंद बाबा के घर पहुंचा दिया, और वहां से योग माया कन्या को उठा लाए। इस अवसर पर श्रीमद्भागवत कथा के अंतर्गत भगवान श्रीकृष्ण के जन्म पर भक्तगण खुशी से झूम उठे तथा सोहर एवं मंगल गीत बजने लगे लोग खुशी से झूम उठे व नृत्य करने लगे। पूरा वातावरण भक्तिमय होगया । 

कथा के दौरान मुख्य पावित्री देवी लालता प्रसाद मद्धेशिया, प्रदीप कुमार, पवन कुमार, पंकज कुमार, प्रमोद कुमार ,रीना देवी, सरोज देवी ,प्रेमलता, पूजा, उमेश ,केदार, गोलू, नवनीत, सोनी ,आदित्य, आशीष, आयुष,देवांश, विवेक,दीपक, प्रेमचंद ,व अन्य सम्मानित श्रद्धालु गण मौजूद रहे।

 

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