भागलपुर देवरिया इस कड़ाके की ठंड तथा सर्द हवाओं के बीच मकर संक्रांति के इस पर्व को लोगों ने मनाया। मकर संक्रांति के इस पर्व पर भागलपुर सरयू नदी में लोगों ने आस्था की डुबकी लगाई। वही नदी के किनारे पर मईल पुलिस के सुरक्षाकर्मी व एन डी आर एफ के लोग मुस्तैद दिखे। भागीरथी जी द्वारा गंगा जी को इसी दिन पृथ्वी पर लाया गया। लोग इसी पापनाशिनी गंगा में डुबकी लगाकर मोक्ष की प्राप्ति हेतु ईश्वर से कामना करते हैं। भागलपुर के कालीचरण घाट पर लोगों सुबह से स्नान ध्यान कर सूर्य देव को प्रणाम किया। दान पुण्य किए।नौ ग्रहों में ताकतवर शनि और सूर्य का मिलन मकर संक्रांति पर हो रहा है। दक्षिणायन से अब उत्तरायण हुए सूर्य देव। वहीं महंगाई की मार ने सारे त्यौहार फीके कर रखें । लोगों के घर जब तिल गुड़ की लाई बनाती थीं तो उसकी खुशबू मुहल्ले आती थी। महंगाई इस कदर है कि चुरा, दही, तिलगुड़ ,पापड़, का जायका भी मिलना कई लोग खासकर गरीब तबके को मिलना मुस्किल है। गैस सिलेंडर इतना महंगा है कि लाई तो दूर खिचड़ी भी पकाना दुर्भर हैं। खाने पीने की सभी वस्तुओं पर इस महंगाई ने त्योहारों को फीका कर दिया है। मकर संक्रांति पर तिल समान हम सभी के मन स्नेहमय हो गुड़ सामान्य शब्दों में मिठास हो और लड्डू में तिल और गुड़ की प्रबल घनिष्ठता लोगों के संबंध में रहे। ऐसी कामना करते हुए लोगों ने एक दूसरे को मकर संक्रांति की बधाई दी।