वन गमन की कथा सुन श्रोता हुए भावुक

Updated: 16/11/2023 at 12:34 PM
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बरहज, देवरिया। बरहज तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम करायल शुक्ल में चल रहे तीन दिवसीय कथा के विश्राम दिवस पर पंडित विनय मिश्रा ने प्रभु श्री राम के वन गमन की कथा सुन कर श्रोताओं को भावुक कर दिया मिश्रा ने कहा कि प्रभु श्री राम के राज्याभिषेक के लिए चक्रवर्ती महाराज दशरथ ने अपने मंत्री जनों के समक्ष प्रस्ताव रखा सभी लोगों ने समर्थन किया प्रभु श्री राम को राजा बनने पर चर्चा के बाद पूरी अयोध्या में खुशहाली छा गई गोस्वामी जी महाराज कहते हैं सुनत राम अभिषेक सुहावा, बाजत गहागह अवध बंधावा।

सभी लोग राम के राज्याभिषेक को लेकर प्रसन्न थे घर-घर में प्रभु श्री राम की आरती उतारने के लिए मंगलदीप सजाए जा रहे थे पूरी अयोध्या सज कर तैयार थी लोग प्रातः काल होने की प्रतीक्षा कर रहे थे। इधर प्रभु श्री राम ने विचार किया कि मैं तो देवताओं को वचन दिया है कि आप लोगों के कल्याण के लिए अवतार लूंगा स्वयं प्रभु श्री राम ने माता कैकेई से मिल कर वन गमन की योजना बनाई और उन्होंने मन कही गई को बचपन में अपने मांगे हुए वरदान को पूरा करने को कहा मां ने प्राण से प्रिय राम के लिए चौदह वर्ष का वनवास महाराज दशरथ से मांग लिया भरत को राजगद्दी और राम जी को बनवास।

प्रभु राम से लोगों ने प्रश्न किया प्रभु बन जाने से आपको क्या मिलेगा श्री राम ने जवाब देते हुए कहा मुनि मन मिलन विशेष बंन सभी भांति हित मोर,तेहि मह पितु आयसु बहुरि जननी संवत तोर, प्रभु श्री राम बन जाकर माता-पिता के आज्ञा का पालन किया संत महात्माओं के आश्रम में जाकर सुख दिया और राष्ट्र जो राक्षसों के आतंक से आतंकित था उसका समूल विनाश किया और धर्म की रक्षा के लिए प्रभु श्री राम का यह अपना निर्णय था। कथा के दौरान बटुक देव शुक्ला, घनश्याम शुक्ला, सारथी शुक्ला, रमेश शुक्ला, गजेंद्र शुक्ला, रामनिवास उपाध्याय, बृज किशोर शुक्ला, अनमोल मिश्रा सहित सैकड़ो की संख्या में श्रद्धालु जन उपस्थित रहे। कथा के आयोजन अंगद प्रसाद द्विवेदी एवं प्रभाकर द्विवेदी रहे।

वन गमन की कथा सुन श्रोता हुए भावुक

 

First Published on: 16/11/2023 at 12:33 PM
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