भदोही। गोपीगंज क्षेत्र के चकपडौना में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के संगीतमय प्रवचन में श्री कुणाल जी महराज ने बताया कि हमारा मन भगवान में लग जाये यह सबसे बडा सुख है। कहा कि भगवान का नाम जिस स्थिति में ले वह हर स्थिति में उचित है। भगवान की भक्ति बचपन से ही करनी चाहिए। क्योकि जिंदगी की कोई गारंटी नही है। जीवन में भौतिक सुख ले लेकिन लौकिक सुख के लिए भगवान का भजन व भक्ति जरूरी है। भगवान की भक्ति के बिना जीव निरर्थक है। संसार केवल दुःखों से भरा है और इसी के बीच भगवान की भक्ति करने वाला बड़ा ही सौभाग्यशाली होता है। भगवान का भजन करने वाला सबसे सुखी होता है। कहा कि भक्ति में समर्पण, विश्वास, श्रद्धा और भक्ति से करें न कि दिखावा के लिए भक्ति करें। क्योकि दिखावा में भक्ति करना केवल नुकसान ही देता है। जब तक शरीर है तब तक संबंध बना है लेकिन शरीर समाप्त हो जाने पर सभी संबंध समाप्त हो जाते है। संसार में परिवार के लोग केवल इस लोक अपने होते है लेकिन परमात्मा आजीवन जीव का संबंधी होता है। इसलिए भगवान की भक्ति करना परम कर्तव्य है। भगवान को केवल प्रेम से ही प्राप्त किया जा सकता है। तन मन और धन का संबध धर्म से होना चाहिए। इस मौके पर काफी संख्या में भक्त मौजूद रहे।
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