उत्तर प्रदेश

भगवान के बाल लीला कथा प्रेमभूषण जी महाराज

बरहज देवरिया , महेंन मे चल रहे श्री राम कथा के चतुर्थ दिवस पर प्रेम मूर्ति प्रेमभूषण जी महाराज ने भगवान के बाल लीला की चर्चा करते हुए कहा कि भगवान ने एक बार माता कौशल्या को भ्रम में डाल दिया माता कौशल्या भगवान रंगनाथ की पूजा के लिए पूजा कक्ष में पहुंचकर ठाकुर जी को भोग लगा रही थी ।उन्होंने देखा कि जी अपने राम को हमने पालने में सुला कर आई हूं वह शिशु राम पूजा कक्ष में पहुंचकर प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं यह देखकर  चकित हो गई पुनः पालने के पास जाकर देखा तो भगवान उसे पालने में सो रहे थे बाबा तुलसी मानस में लिखते हैं कि यहां वहां दुई बालक देखा । मति भ्रम मोर कि आनि विसेषा।

माता कौशल्या यह देखकर घबरा गई ।भगवान श्री राम ने इस समय अपने मन को अपना अद्भुत रूप दिखाया मां के प्रार्थना करने पर पुनः शिशु के रूप में हुए भगवान ने अपनी बाल लीलाओं में अनेक लीलाओं को प्रस्तुत किया ।कथा के दौरान आश्रम की पीठाधीश्वर आञ्जनेय दास जी महाराज ,बाबू  बिजेश्वरी सिंह, श्रवण कुमार सिंह, अनिल राय, रविशंकर सिंह, रामकुमार पांडे  ,पंडित विनय कुमार मिश्रा, अनमोल मिश्रा, रामनिवास उपाध्याय ,रविंद्र पाल, बिन्नू तिवारी, धनंजय सिंह, थाना अध्यक्ष नवीन चौधरी, उप निरीक्षक रंजीत कुमार सिंह, अवधेश चौधरी, चंद्रशेखर सिंह ,हेड कांस्टेबल रविंद्र यादव, महिला पुलिस गायत्री मिश्रा, कविता, रागिनी मौर्या एवं कथा आयोजन चंदन गिरी सहित क्षेत्र के गणमान्य  श्रद्धालुजन काफी संख्या में उपस्थित है।

बिरहा 50 वर्ष पूर्ण होने पर कलाकारों का हुआ सम्मान

 

Vinay Mishra

Share
Published by
Vinay Mishra