हिंदी भाषा हमारी मातृभाषा और संस्कारों की पहचान है

Updated: 15/09/2023 at 10:25 AM
IMG_20230731_183515-5

हिंदी भाषा हमारी संस्कृति और संस्कारों की पहचान है

बी.आर.डी.बी.डी.पी.जी.कालेज में हिंदी दिवस पर आयोजित हुआ संगोष्ठी

बरहज : हिंदी भाषा हमारी संस्कृति और संस्कारों की पहचान है। हमारे देश में विभिन्न प्रकार की भाषाएं बोली जाती है जिनमें हिंदी भाषा का विशेष महत्व है, क्योंकि हिंदी हमारे भारत देश में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है। हिंदी भाषा केवल विचार विमर्श को साझा करने का एक माध्यम ही नहीं बल्कि यह सभी लोगों को एक दूसरे से आपस में जोड़े रखने का कार्य भी करता है।

          उक्त बातें स्थानीय बाबा राघवदास भगवानदास स्नातकोत्तर महाविद्यालय आश्रम बरहज में हिंदी दिवस पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डाॅ.रवींद्र उपाध्याय ने कही। उन्होंने कहा कि हमारे भारत देश में सबसे अधिक बोले जाने वाला भाषा “भारोपीय परिवार” है। यह सिर्फ एक भाषा का काम ही नहीं करती बल्कि यह एक देश की संस्कृति, वेशभूषा और रहन-सहन तथा पहचान आदि है। अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.शम्भुनाथ तिवारी ने कहा कि विश्व भर में हिंदी भाषा का प्रसार बढ़ रहा है। हमारी पहचान हिंदी से है और रहेगी। कार्यक्रम को डॉ. विजय प्रकाश पांडेय, डॉ.आरती पांडेय, डाॅ. अमरेश त्रिपाठी, डॉ.सूरज गुप्ता, डॉ.सज्जन गुप्ता, कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा मां सरस्वती के चित्र माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित करके हुआ। संचालन कंचन तिवारी ने किया।

मंगलाचरण सुग्रीव यादव ने तथा सरस्वती वंदना रोशनीनी सिंह एवं स्वागत गीत संजू ने प्रस्तुत किया। संकल्प गीत शालिनी तिवारी एवं निकिता तिवारी ने प्रस्तुत किया। इस दौरान डाॅ.अरविन्द पाण्डेय, डॉ. मंजू यादव, डॉ. वेद प्रकाश सिंह, प्रभु कुमार, अंकित पाठक, विवेक तिवारी,विशाल तिवारी आदर्श, पुरुषार्थ,रितिक,अजित,अमन युवराज,आदि मौजूद रहे।

First Published on: 15/09/2023 at 10:25 AM
विषय
ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए, हमें फेसबुक पर लाइक करें या हमें ट्विटर पर फॉलो करें। TheFaceofIndia.com में उत्तर प्रदेश सम्बंधित सुचना और पढ़े |
कमेंट करे
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
Welcome to The Face of India