निर्देशित किया जाता है कि किसी भी दशा में अपने क्षेत्र से पराली / कृषि अपशिष्ट न जलाने दिया जाये-जिलाधिकारी

Updated: 29/10/2023 at 10:16 AM
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देवरिया । देवरिया  जिलाधिकारी अखंड प्रताप सिंह ने बताया है कि पराली (धान की पुआल /अन्य कृषि अपशिष्टों) के जलाये जाने कारण होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने हेतु जनपद स्तर पर तथा तहसील स्तर पर उपजिलाधिकारी के पर्यवेक्षण में सचल दस्ता एवं विकासखण्ड स्तर पर खण्ड विकास अधिकारी के पर्यवेक्षण में गठित किया जा चुका है, जिसके क्रम में कर्मचारियों की ड्यूटी न्याय पंचायत स्तर पर लगाई गई है तथा उन्हें निर्देशित किया गया है कि सम्बन्धित कर्मचारी अपने न्याय पंचायत के समस्त राजस्व ग्रामों में पराली / फसल अपशिष्ट जलाने से रोकने हेतु आवश्यक कार्यवाही करना सुनिश्चित करें।

जिलाधिकारी ने नामित कर्मचारियों को निर्देश दिया है कि वे कृषकों के मध्य फसल अवशेष जलाने से मिट्टी जलवायु एवं मानव स्वास्थ्य को होने वाली हानि के विषय में अवगत कराया जाये। उन्हें यह भी अवगत कराया जाये कि मा० राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेशानुसार दण्डनीय अपराध है। सम्बन्धित राजस्व ग्राम में पराली न जलाये जाने हेतु आप द्वारा समस्त कदम उठाये जायें तथा पराली जलाने पर सम्बन्धित लेखपाल के साथ सम्बन्धित कर्मचारी का पूर्ण रूप से उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा।

तहसील एवं विकास खण्ड के समस्त लेखपाल एवं अन्य ग्राम प्रधानों को सम्मिलित करते हुये एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाये उस क्षेत्र में कहीं भी फसल अवशेष जलाये जाने की घटना होती है तो सम्बन्धित लेखपाल एवं ग्राम प्रधान व्हाट्सएप ग्रुप एव दूरभाष के माध्यम से सम्बन्धित तहसील स्तर पर गठित सचल दस्ते को तत्काल इसकी सूचना देगें पराली / कृषि अपशिष्ट जलाये जाने की घटना पाये जाने पर सम्बन्धित को दण्डित करने के सम्बन्ध में राजस्व अनुभाग- 10 के शासनादेश के अनुरूप दण्डात्मक कार्यवाही की जाये तथा सम्बन्धित के विरुद्ध अर्थदण्ड लगाये जाने के सम्बन्ध में कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।

कृषि भूमि का क्षेत्रफल 02 एकड़ से कम होने की दशा में अर्थदण्ड रु० 2500 /- प्रति घटना, कृषि भूमि का क्षेत्रफल 02 एकड़ से अधिक किन्तु 05 एकड़ तक होने की दशा में अर्थदण्ड रु० 5000/- प्रति घटना, कृषि भूमि का क्षेत्रफल 05 एकड़ से अधिक होने की दशा में अर्थदण्ड रु0 15000/- प्रति घटना निश्चित है। इन सीट मैनेजमेन्ट हेतू नियमानुसार अनुमन्य कृषि यंत्रों का प्रचार-प्रसार एवं उपलब्ध इन सीटू यंत्रों के माध्यम से फसल अवशेष प्रबन्धन कराया जाये साथ ही जनजागरण अभियान के माध्यम से भी फसल अवशेष न जलाये जाने एवं फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु सचेत करते हुए कृषकों को प्रेरित करेंगे।

जिलाधिकारी ने यह भी निर्देशित किया है कि कृषि अपशिष्ट जलाने वाले व्यक्ति / कृषक के विरुद्ध सचल दस्ते का यह दायित्व होगा कि धान की कटाई से लेकर रवी में गेहूं की बुआई तक फसल अवशेष जलाने के रोकथाम के लिये की गई कार्यवाही की सतत् निगरानी एवं अनुश्रवण करते हुये प्रत्येक कार्य दिवस की सूचना अनिवार्य रूप से तीन स्तर गठित सचल दस्ते को दिया जाये। प्रत्येक ग्राम के क्षेत्रीय लेखपाल एवं ग्राम प्रधान को यह निर्देशित किया जाता है कि किसी भी दशा में अपने क्षेत्र से पराली / कृषि अपशिष्ट न जलाने दिया जाये। कृषि अपशिष्ट जलाने की घटना प्रकाश में आने पर सम्बन्धित लेखपाल जिम्मेदार होंगे। इसके अतिरिक्त सहायक विकास अधिकारी (कृषि) इन सीटू मैनेजमेन्ट हेतु नियमानुसार अनुमन्य कृषि यन्त्रों का प्रचार प्रसार एवं उपलब्ध इन सीटू यन्त्रों के माध्यम से फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु सचेत करते हुये कृषकों को प्रेरित करेंगे सम्बन्धित प्रतिदिन की सूचना अपरजिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को उपलब्ध कराने के साथ ही उप कृषि निदेशक, देवरिया को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।

First Published on: 29/10/2023 at 10:16 AM
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