जीवित्पुत्रिका व्रत आश्विन कृष्ण पक्ष सप्तमी रहित अष्टमी ही इस व्रत के लिए शुभ-पंडित विनय मिश्र

Updated: 04/10/2023 at 10:39 PM
जीवित्पुत्रिका व्रत

बरहज। देवरिया जीवित्पुत्रिका का व्रत आश्विन कृष्ण पक्ष सप्तमी रहित अष्टमी ही इस व्रत के लिए शुभ है सप्तमी रहिता चाध श्लोक 31 गरुण जी बोले है जीमूतवाहन आज सप्तमी रहित अष्टमी वह तुमने जीवन दान दिया है अतः जब जब सप्तमी रहित अष्टमी तिथि अश्विन कृष्ण पक्ष में आएगी ,तब तब ब्रह्म भाव को प्राप्त होगी श्लोक संख्या 35 में सप्तमी रहित अष्टमी का व्रत कर नवमी में पारण करना चाहिए। श्लोक संख्या 36 किसी भी स्थिति में सप्तमीयुक्त अष्टमी का प्रत्येक करना ही है यदि सप्तमी सहित अष्टमी में व्रत किया गया जैसा की 6 अक्टूबर 2023 को कुछ लोग व्रत करने को कह रहे हैं। तो निश्चित ही व्रत करने वालों का सौभाग्य नष्ट होगा। अन्य ग्रंथों व ऋषियों का प्रमाण सप्तमी सहित अष्टमीका व्रत करने वाली महिलाएं विधवा होती है याज्ञ बलक संहितायाम
नवमी सह कर्तव्या अष्टमी नवमी तथा उक्त सभी ग्रंथों एवं ऋषियों का मत है की सूर्योदय के समय कम समय अष्टमी रहे और दिन भर नवमी तिथि रहे तो वह जीवित्पुत्रिका व्रत है न कि अष्टमी में चंद्रोदय।
सार कथन
इस प्रकार ग्रंथों एवं ऋषियों का यही कथन है कि सप्तमी वेधित अष्टमी का व्रत किसी भी स्थिति में नहीं करना चाहिए यदि भूल से कोई ऐसा व्रत कर लिया तो उसका नाश निश्चित है 6 अक्टूबर 2023 को सप्तमी होने के कारण किसी भी स्थिति में व्रत नहीं किया जा सकता । इसलिए जीवित बंधन व्रत 7 अक्टूबर दिन शनिवार को एवं व्रत का पारण 8 अक्टूबर दिन रविवार को करना उचित है।

First Published on: 04/10/2023 at 10:39 PM
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