उत्तर प्रदेश

सावन मास में बाबा भोलेनाथ के साथ मां पार्वती की पूजा से होते हैं सभी कष्ट दूर – आचार्य अजय शुक्ल

सलेमपुर, देवरिया। जनपद के मंगराइच स्थित जयराम ब्रम्ह स्थान पर सोमवार को आयोजित एक दिवसीय शिवपुराण कथा में आचार्य अजय शुक्ल ने श्रद्धालुओं को कथा सुनाते हुए बताया कि श्रावण मास में बाबा भोलेनाथ के साथ माता पार्वती जी की पूजा मानव के सभी कष्टों को हरने का सर्वश्रेष्ठ माध्यम है।महामृत्युंजय मंत्र जप व रुद्राभिषेक कराना भी इस उत्तम मास में बहुत ही पुण्यदायी फल देने वाला होता है।जो भक्त पूरे मनोयोग से रुद्राभिषेक के पश्चात हवन कराता है वह कई गुणा पुण्य प्राप्त कर रोग, व्याधि व कष्टों सेछुटकारा पा जाता है।अगर भक्त शहद, घी व दूध मिश्रण कर दूर्वा से हवन करते हैं तो आप दीर्घायु होते हैं। मन शांति के लिए तिल से हवन,दरिद्रता दूर करने के लिए घी, दूध व कमल से हवन करें तो आपके घर मे धन व वैभव की वृद्धि होती है, अगर आप बिल्व पत्र से हवन कुंड में हवन करते हैं तो आपको दुश्मन व वशीकरण से मुक्ति मिलती है, इसके अलावा शोहरत में वृद्धि होती है। सांसारिक मोह माया से दूर कष्ट निवारण के लिए सोमवार को जलाभिषेक करने से जीवन धन्य हो जाता है।पितृ दोष के निवारण के लिए गंगाजल में काला तिल मिलाकर जलाभिषेक करें ,साथ ही नाग स्त्रोत का पाठ करें। देवों के देव महादेव शिव जी अपने भक्तों के प्रति बहुत ही दयालु हैं।आज तक इस धरा पर जिसने भी पवित्र मन से बाबा भोलेनाथ की साधना की है वह कभी भी निराश नहीं लौटा है। महापापी भी अगर महाशिवरात्रि पर्व के दिन रुद्राभिषेक किया तो वह अगर महापाप भी किया है तो उसका वह पाप समाप्त हो जाता है,वह इस सांसारिक लीला से पार पा जाता है।इसलिए मानव जाति के सबसे प्रिय बाबा भोलेनाथ ही होते हैं।   

 कथा को आगे बढ़ाते हुए आचार्य अजय शुक्ल ने कहा कि महामृत्युंजय मंत्र जप करने से जीवन पर्यन्त कहीं कोई बाधा नही आती है।सागर मंथन के दौरान जो विष निकला वह भगवान शिव ने अपने भक्तों के कल्याण के लिए ग्रहण कर लिया ।इससे उनके शरीर में बेचैनी व गले में तीव्र जलन होने लगा इसे देखकर सभी देवता परेशान हो गए, इस समस्या के निवारण के लिए सभी मिलकर बाबा भोलेनाथ को जलाभिषेक किए जिसके कारण उनको शांति मिली। उसके पश्चात हर कष्ट दूर करने के लिए भक्त उनका जलाभिषेक करने लगे।

The face of Deoria Tfoi

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