उत्तर प्रदेश

एक बज्म़ सजा लेगा फ़नकार अकेले मेंः मुंशी प्रेमचंद को समर्पित काव्य गोष्ठी

 गोरखपुर : विश्व शांति मिशन के तथ्यवधान में मुंशी प्रेमचंद की याद में काव्य गोष्ठी एवं शेरे नशिस्त का आयोजन हुमायूँपुर उत्तरी स्थित विश्व शांति मिशन के कार्यालय पर आयोजित किया गया जिसके मुख्य अतिथि कायस्थ पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय शंकर श्रीवास्तव थे एवं गोष्ठी की अध्यक्षता मशहूर शायर डॉक्टर बाहर गोरखपुरी द्वारा की गई।

 सर्वप्रथम अरविंद अकेला जी ने माता सरस्वती की वंदना करके गोष्ठी का शुभारंभ किया तत्पश्चात अवधेश नंद ने अपनी रचना “सवांरी जा सके जितनी संवारो जिंदगी अपनी, सदा सद्मार्ग पर चलना बना लो बंदगी अपनी,” पढ़कर गोष्टी को आगे बढ़ाया इसके बाद संचालक के आह्वान पर हाजी मकबूल अहमद मंसूरी ने अपनी रचना “हे कृष्णा सुना दो मुरली की हम सबको वह तान, जिसकी धुन में महके अपना सारा हिंदुस्तान,”सुना कर वाहवाही लूटी इसके बाद दिनेश गोरखपुरी ने नर नारायण की वार्ता संबंधित रचना सुनाया इसके बाद गोष्टी को आगे बढा़ते हुए डॉक्टर सत्यनारायण विश्वकर्मा पथिक ने अपनी रचना” खून है सस्ता महंगा पानी दर्शन किसे सुनाऊं मैं, जीवन है पानी का कतरा खुद पे क्या इतराऊँ मैं सुना कर वाहवाही लूटी तत्पश्चात अरविंद अकेला ने भोजपुरी रचना “दूब्बर जानि के हमरा के धकियावल ना करा, बढ़ा चढ़ा के बाति बहुत बतियावल ना करा”, सुना कर बहुत कुछ सोचने पर मजबूर किया, इसके बाद संचालन कर रहे नंदकुमार त्रिपाठी ने सुनाया “नई उम्रों की खुदमुख्तरियों को कौन समझाए, कहां से बच निकलना है कहां जाना जरूरी है,” तत्पश्चात मशहूर शायर सुंबुल हाशमी ने “सारे इंसान एक हैं सुंबुल, इनमें अच्छा खराब मत ढूंढो,” सुना कर एक नया संदेश दिया , इसके बाद कौशर गोरखपुरी ने अपनी रचना,” वो जल के लाल हुई, लाल होके जल भी गई, वही रस्सी वही ऐंठन है क्या किया जाए,” सुना कर बहुत कुछ सोचने पर मजबूर किया।

इसके बाद आयोजक अध्यक्ष विश्व शांति मिशन अरुण कुमार श्रीवास्तव ने अपनी रचना ,”बैठेगा भला कब तक बेकार अकेले में, एक बज़्म सजा लेगा फ़नकार अकेले में,” सुना कर गोष्ठी को नई ऊंचाई प्रदान किया, अंत में अध्यक्षता कर रहे डॉक्टर बहार गोरखपुरी ने अपनी रचना “जब हो मिलना किसी से तुम्हें अपने सर को झुका कर मिलो, जालिमों से मिलो जब कभी सर हमेशा उठाकर मिलो” सुना कर वाहवाही लूटा, मुख्य अतिथि अजय शंकर श्रीवास्तव ने सभी कवि और शायरों को आशीर्वाद प्रदान करते हुए देश को नई दिशा देने का आह्वान किया व अरुण कुमार श्रीवास्तव द्वारा अंत में सभी का आभार प्रकट करते हुए गोष्ठी का समापन किया गया।

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