खुनियांव- जब सैंया भये कोतवाल तो डर काहे का यह कहावत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बल्लीजोत में तैनात चिकित्साधिकारी पर स्टीक साबित होता दिख रहा है यहाँ पर तैनात चिकित्साधिकारी डा0 आरती के पति देव डा0 पी एन यादव इसी ब्लॉक के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खुनियांव के अधीक्षक हैं जिससे पति देव द्वारा पत्नी के खिलाफ क्या कार्यवाही किया जायेगा आप सहज ही अंदाजा लगा सकते हैं सरकारी अस्पताल में इलाज को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के तमाम दावे यहाँ हवा हवाई ही साबित हो रहे हैं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बल्लीजोत फार्मासिस्ट ,वार्ड बॉय , व सफाई कर्मचारी के भरोसे ही संचालित हो रहा है|
भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर दिवस पर याद किये गए बाबा साहब
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं पाने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है जिम्मेदारों द्वारा निगरानी नहीं करने से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टरों की मनमानी मरीजों पर भारी पड़ रही है स्वास्थ्य केंद्रों पर ना तो डॉक्टर मिलते हैं ना ही मरीजों को सभी दवाएं मिल पाती हैं जिसके कारण मरीजों को इलाज के लिए अप्रशिक्षित व झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाने को मजबूर होना पड़ता है क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कि इन स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात डॉक्टर विभागीय सेटिंग के चलते डाक्टर साहिबा अक्सर गायब ही रहतीं हैं। कभी कभार आकर अपनी हाजिरी लगा देती हैं । सुदर्शन न्यूज टीम की पड़ताल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बल्लीजोत पर चिकित्सा अधिकारी डॉ आरती की कुर्सी खाली मिली यहां पर फार्मासिस्ट द्वारा मरीजों को इलाज व दवा किया जाता है क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बल्लीजोत पर फार्मासिस्ट वार्ड बॉय के ही सहारे स्वास्थ्य केंद्र संचालित होता है यहां से डॉक्टर अक्सर नदारद रहते हैं राजू ने बताया कि खांसी बुखार था डॉक्टर को दिखाने गया तो पता चला डाक्टर साहिबा नहीं हैं थक हार कर मजबूरी में चौराहा पर जाकर निजी क्लीनिक पर झोलाछाप से इलाज कराना पड़ा
सुबह 11:50 मिनट पर चिकित्सा अधिकारी डा0 आरती नदारद मिलीं-
वर्तमान में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बल्लीजोत में 01 डा0 आरती चिकित्सा अधिकारी,02 प्रदीप उपाध्याय फार्मासिस्ट, 03 कृपा शंकर वार्ड ब्वॉय व सफाई कर्मचारी सहित कुल 04 स्टाफ़ की तैनाती है
क्षेत्र के ही मैनहवां ग्राम के लैस मोहम्मद ने स्वयं व अपनी पत्नी का ईलाज कराने आये उन्होंने बताया कि बिगत डेढ़ महीने से दवा/ ईलाज फार्मासिस्ट की तरफ ईशारा करके कहा कि इन्ही से ही हम लोगो का दवा चल रहा है जब भी हम आते हैं तो यही साहब मिलते हैं इनके अतिरिक्त अन्य किसी चिकित्सा अधिकारी को हम लोगो ने देखा ही नहीं चिकित्साधिकारी के नहीं मिलने पर फार्मासिस्ट प्रदीप उपाध्याय ने दवा इलाज किया यहाँ एक बात हैरान करने वाली है कि क्या डाक्टर की ड्यूटी घर पर बैठकर होती है इस समय दिनांक 01/10/23 से सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों/ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के खुलने का समय सुबह 10 बजे से शाम 04 बजे तक है
क्या प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बल्लीजोत में अब 24 घंटे इमरजेंसी सेवा चल रहा है ?
अगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बल्लीजोत में 24 घंटे इमरजेंसी सुविधा उपलब्ध रहता है तो दिन में किस डा0 की ड्यूटी रहती है यक्ष प्रश्न लाखों रूपये तन्ख्वाह के रूप में मोटी रकम लेने वाले डाक्टरों की आखिरी क्या मजबूरी है कि आये दिन प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से नदारद रहते हैं
इस सम्बन्ध में ज्यादा जानकारी के लिए मुख्य चिकित्साधिकारी
डा0 एन0 के0 वाजपेयीजी को फोन करने पर उन्होंने बताया कि हम जांच करवाकर सख्त से सख्त कार्यवाही करेंगे, कि आखिर क्यों नहीं डाक्टर पूरे समय तक बैठते हैं