मिली खामियों एवं अधूरे कार्यो को गुणवत्ता के साथ पूर्ण किये जाने का दिया निर्देश
जिलाधिकारी अखण्ड प्रताप सिंह ने आज प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम के अन्तर्गत डिघवा पौटवा में 1260.00 लाख की लागत से निर्माणाधीन आईटीआई के निर्माण कार्यो का निरीक्षण कर भौतिक प्रगति की वास्तविकता का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने मिली खामियों एवं अधूरे कार्यो को गुणवत्ता के साथ पूरा किये जाने का निर्देश देते हुए आगाह किया कि यदि कार्य निर्धारित मानक अनुरुप नही पाये जायेगें और कहीं से भी गुणवत्ता अमानक पाया जायेगा तो कडी कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी।
जिलाधिकारी श्री सिंह सबसे पहले कार्य परियोजना के परिसर में पहुॅच कर कार्य डिजाइन आगणन आदि के बुकलेट का गहनता से अवलोकन कर तद्नुरुप एक-एक कार्य कक्षों/स्थलों का जायजा लिया। उन्होंने वर्कशॉप, कम्प्यूटर कक्ष, क्लासरुम, प्रधानाचार्य आवास सहित सभी निर्माण कार्यो का निरीक्षण के दौरान सबसे उपरी छत के निर्माण पर काफी नाराजगी जताई। कही जगह उपरी छत के नहले में क्रेक पाये गये, जिसे दोबारा गुणवत्ता के साथ बनाये जाने का निर्देश देते हुए कहा कि अन्यथा कि स्थिति में भुगतान धनराशि में कटौती सुनिश्चित की जायेगी। उन्होंने मिली खामियों को सहायक अभियंता के देखरेख में कराये जाने का निर्देश भी दिया। निरीक्षण में विद्युत कार्य के तहत लगाये गये स्वीच एवं साकेट, वायरिंग आदि कार्यो पर असन्तोष जताया। रैम्प के रेलिंग के प्लास्टर पर भी असन्तोष व्यक्त किया। कम्प्यूटर लैब में 02 साकेट स्वीच लगाये गये, जबकि बताया गया कि 30 कम्प्यूटर सेट लगाये जायेगें। जिनके लिए पर्याप्त स्वीच बोर्ड की व्यवस्था नही पायी गयी, इस संबंध में भी आवश्यक निर्देश दिये गये। वर्कशॉप का फर्श भी गुणवत्तायुक्त नही पाया गया, जिसकी ढाल भी सन्तोजनक नही मिला। इन सभी कार्यो में सुधार किये जाने के निर्देश दिए गए।
जिलाधिकारी ने निरीक्षण में आयी खामियों एवं दिये गये निर्देशों के अनुरुप कार्यो को गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने के बाद ही हैण्डओवर की कार्यवाही किये जाने को कहा। उन्होंने परिसर में आगणन अनुसार मार्ग, पार्क, इंटरलाकिंग का कार्य कराये जाने का भी निर्देश दिया। कार्यदायी संस्था उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण सहकारी संघ के अधिशासी अभियंता विनय कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि यह कार्य परियोजना 1260 लाख की लागत से स्वीकृत है, जिसके सापेक्ष 630.00 लाख प्राप्त हुआ जो व्यय किया जा चुका है तथा इसकी उपयोगिता प्रमाण पत्र भी भेज दिया गया है। शेष धनराशि 630.00 लाख की उपलब्धता अभी अपेक्षित है, जो भारत सरकार से प्राप्त होना है। इसके लिए पत्राचार भी किया जा रहा है। जिलाधिकारी ने किये गये पत्राचार की प्रति उपलब्ध कराये जाने को कहा, जिससे बजट आवंटन हेतु मा0 सांसद गणो के संज्ञान में लाते हुए पहल की जा सके। निरीक्षण के समय प्रधानाचार्य आईटीआई सोभनाथ, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आशुतोष पाण्डेय, जेई हर्षित पाण्डेय आदि उपस्थित रहे।