आज जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के निर्देश पर जनपद के विभिन्न कार्यालयों में निजी मुंशियों/प्राइवेट स्टाफ की जांच के लिए सघन अभियान चलाया गया।
इसी क्रम में महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कॉलेज में एसडीएम सदर विपिन कुमार द्विवेदी एवं सीओ सदर संजय कुमार रेड्डी के नेतृत्व में जांच अभियान चलाया गया।
संयुक्त टीम द्वारा मेडिकल कॉलेज परिसर में स्थित ओपीडी रजिस्ट्रेशन काउण्टर का औचक निरीक्षण किया गया तो वहाँ पाया गया कि कुछ व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में खड़े थे जो ओपीडी रजिस्ट्रेशन के लिए लाइन में लगे मरीजों से बातचीत कर रहे थे। उसी बातचीत के क्रम में मरीजों को अन्यत्र प्राइवेट अस्तपताल में ईलाज कराने हेतु बहला-फुसला रहे थे और कह रहे थे कि हम आपका प्राइवेट अस्पताल में अच्छा ईलाज करा देंगे और पैसा भी कम लगेगा। ऐसे 4 व्यक्ति संदिग्ध अवस्था में पाये गये। उनको पकडकर उनसे पूछताछ किया गया तो अपना नाम पता बताने से अनाकानी करने लगे तथा कडाई से पूछ-ताछ करने पर चारो व्यक्तियों ने अपना नाम व पता क्रमशःविनोद सिंह पुत्र स्व० बुद्ध सिंह पता गरुडपार बडी कालोनी थाना कोतवाली, जनपद देवरिया। भोला सिंह पुत्र प्रभुनाथ सिंह पता-पुरवा चौराहा, थाना-कोतवाली, जनपद-देवरिया। रोहित कुमार पुत्र स्व० ओमप्रकाश गौड पता मेडिकल कॉलेज कैम्पस, थाना कोतवाली जनपद देवरिया। उपवन तिवारी पुत्र स्व० दरोगा तिवारी पता-नामे गौरी पथरदेवा, थाना-तरकुलवा, जनपद-देवरिया बताया।
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एसडीएम सदर विपिन द्विवेदी ने बताया कि प्रथम दृष्टया जांच में यह तथ्य सामने आया कि सभी आरोपी आपस में मिलकर यहाँ पर आये मरीजों को पहले रजिस्ट्रेशन कराने और ईलाज में मदद कराने का झाँसा देते है, फिर उन्हें विश्वास में लेकर उन्हे अच्छे से ईलाज कराने व कम पैसे के खर्च के नाम पर प्राइवेट अस्पतालों में ईलाज के लिए उकसाते है। फिर मरीज इन लोगों के बहकावे में आकर इनके साथ प्राइवेट अस्पताल में ईलाज हेतु चले जाते है, जिसके एवज में इन्हें कमीशन मिलता है।
इन चारों आरोपियों के विरुद्ध कोतवाली थाने में तहरीर दे दी गई है जहां सुसंगत धाराओं में विधिक कार्रवाई की जा रही है।
इसके अलावा एडीएम प्रशासन गौरव श्रीवास्तव ने डीआईओएस कार्यालय, डूडा कार्यालय तथा नियत प्राधिकारी कार्यालय का निरीक्षण किया। एडीएम वित्त एवं राजस्व अरुण कुमार राय ने बेसिक शिक्षा कार्यालय का तथा सीआरओ जेआर चौधरी ने उप निदेशक कृषि कार्यालय का औचक निरीक्षण किया।